UPSC Result 2024| चास, संतोष कुमार : बोकारो के चास जोधाडीह मोड़ के अखबार वितरक बंधु रामपत महतो के बेटे राजकुमार महतो ने सिविल सेवा की परीक्षा (UPSC) में 557वां रैक हासिल किया है. समर स्पेशल ट्रेन से माता-पिता के साथ दिल्ली से बोकारो लौट रहे राजकुमार महतो ने ‘प्रभात खबर’ से टेलीफोन पर विशेष बातचीत की. कहा कि हार्ड वर्क का कोई विकल्प नहीं है. राजकुमार ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया. कहा कि पिता की मेहनत व ईमानदारी ही उनकी शक्ति है. उन्हीं से सीख लेते हुए कड़ी मेहनत की और तीसरी कोशिश में सफलता हासिल की. राजकुमार ने बोकारो के जीजीपीएस से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने जीजीपीएस चास से दसवीं की परीक्षा में 10 सीजीपीए और प्लस टू में 94 प्रतिशत अंक प्राप्त किये थे.
- रंग लाया अखबार विक्रेता बंधु रामपत महतो का संघर्ष
- बेटे ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर रचा इतिहास
- दिल्ली से बोकारो आ रहे राजकुमार ने प्रभात खबर से की खास बातचीत
दिल्ली के रामजस कॉलेज से फिजिक्स में ऑनर्स
राजकुमार ने बाद में दिल्ली के रामजस कॉलेज से फिजिक्स में ऑनर्स की पढ़ाई की. इसी दौरान उन्होंने दिल्ली में कोचिंग भी ली, पर कोविड के कारण उन्हें चास लौटना पड़ा. चास आने के बाद वह फिर बाहर नहीं गये. यूपीएससी की पढ़ाई कैसे की, यह पूछने पर कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई की. समय प्रबंधन पर चर्चा करते हुए राजकुमार ने कहा कि इसी बीच उन्होंने इग्नू से मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की. नेट भी क्लियर किया. यूपीएससी की परीक्षा में भी शामिल होते रहे. अपने पहले अटेम्प्ट की चर्चा करते हुए कहा कि इस दौरान उन्हें निराशा हाथ लगी. दूसरी कोशिश में इंटरव्यू तक गये, पर फाइनल रिजल्ट नहीं आया. फिर भी हिम्मत नहीं हारी. तीसरी कोशिश में सफलता हासिल की.

मोटिवेशनल क्लास से मिली प्रेरणा
राजकुमार ने प्रभात खबर से बात करते हुए कहा कि वर्ष 2015 में जीजीपीएस स्कूल में आयोजित मोटिवेशन क्लास में यूपीएससी परीक्षा में सफल छात्र आदित्य रंजन ने अपनी बात रखी थी. उनकी बातों को सुनकर उन्होंने आइपीएस बनने का सपना देखा और तैयारी में जुट गये. उन्होंने कहा कि पिताजी सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर शिक्षा देने में कभी पीछे नहीं हटे. पूरा परिवार उनके सपने को पूरा करने में लग गया. इसी का परिणाम है कि आज वह यूपीएससी की परीक्षा में सफल हुए हैं. राजकुमार ने सफलता का श्रेय अपने पिता, माता राधिका देवी, बहन अंजली कुमारी व रेणु कुमारी तथा जीजा धनेश्वर प्रसाद, दीपक कुमार सहित परिवार के सदस्य व शिक्षकों की दिया. उन्होंने कहा कि उनकी सफलता सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज की है.
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पिता को मानते हैं रोल मॉडल
राजकुमार अपने पिता को अपना रोल मॉडल मानते हैं. उनके पिता रामपद महतो पिछले 35 वर्षों से अखबार वितरण के क्षेत्र में हैं. उनकी ईमानदारी की लोग चर्चा करते हैं. राजकुमार कहते हैं कि उन्होंने देखा कि किस तरह उनके पिताजी मेहनत करते हैं. इसी प्रेरणा से उन्होंने मेहनत की और इसका सफलता हासिल की.

पिता ने सफलता का श्रेय ईमानदारी को दिया
बेटे की उपलब्धि पर रामपद महतो को गर्व है. उन्होंने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि उन्होंने अपने बच्चों को ईमानदारी और कड़ी मेहनत करने का संस्कार दिया. इसी का फल उन्हें मिला. उन्होंने कहा कि सबके प्रेम और आशीर्वाद और बेटे की कड़ी मेहनत से यह सफलता मिली है. एक साधारण परिवार से होने के बावजूद अपनी मेहनत और संघर्ष से अपने सपनों को पूरा करने की वजह से अब राजकुमार पूरे चास-बोकारो के युवाओं के लिए मिसाल बन गये हैं.

बड़े जीजा धनेश्वर प्रसाद के मार्गदर्शन में मिली सफलता
उन्होंने कहा कि राजकुमार की मेहनत को देखते हुए उसके बड़े जीजा शिक्षक धनेश्वर प्रसाद उसका मार्गदर्शक और शिक्षक बन गये. उन्होंने कक्षा छह से लेकर यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में मदद की. राजकुमार की सफलता पर कॉलोनी निवासी पूर्व उपमहापौर अविनाश कुमार, प्रो ज्ञान प्रकाश, रवींद्र पाठक, टुनटुन शर्मा, पंकज, संतोष, पवन सहित अन्य ने बधाई दी. कहा कि राजकुमार बचपन से ही मेहनती था. सफलता प्राप्त कर पूरे चास का नाम रोशन किया है. राजकुमार की बड़ी बहन अंजली कुमारी कैनरा बैंक में क्लर्क हैं, जबकि छोटी बहन रेणु कुमारी सरकारी शिक्षक बनने की तैयारी कर रही हैं. पूरा परिवार तियारा गांव से आकर चास नगर निगम के वार्ड नंबर 18 में पिछले 20 साल से अपना मकान बनाकर रहता है.
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