Naxalism in Jharkhand| बोकारो के लुगू पहाड़ में ‘ऑपरेशन डाकाबेड़ा’ के तहत एक करोड़ के इनामी भाकपा माओवादी केंद्रीय कमेटी के सदस्य विवेक उर्फ प्रयाग मांझी सहित 8 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया. झारखंड में पहली बार एक करोड़ का इनामी नक्सली सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया है. अलग झारखंड राज्य बनने के बाद वर्ष 2000 से अब तक राज्य में 806 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है. एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान 551 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं.
नक्सलवाद में 836 ग्रामीणों की हो चुकी है मौत
झारखंड में नक्सलवाद का सबसे ज्यादा खामियाजा यहां के ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है. सुरक्षा बलों और नक्सलियों से ज्यादा ग्रामीण नक्सलवाद की भेंट चढ़े हैं. नक्सलवाद की वजह से अब तक 836 ग्रामीणों की हत्या हो चुकी है.
किस जिले में कितने ग्रामीणों की हुई है मौत
सबसे ज्यादा गुमला में 139 लोगों की मौत गुमला में हुई है. इसके बाद चाईबासा में 82, लातेहार में 82, खूंटी में 75, गिरिडीह में 68, रांची में 61, चतरा में 61, पूर्वी सिंहभूम में 49, पलामू में 48, हजारीबाग में 36, सिमडेगा में 27, लोहरदगा में 23, बोकारो में 21, गढ़वा में 19, सरायकेला-खरसांवा में 12, दुमका में 8, पाकुड़ में 4, कोडरमा में 4, जामताड़ा में 2, रामगढ़ में 2 और धनबाद में 1 ग्रामीण की नक्सलवाद की वजह से मौत हुई.
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7 जिलों के 18 थाना क्षेत्रों में है नक्सलियों का प्रभाव
- पलामू : मोहम्मदगंज, हरिहरगंज, पांकी
- चतरा : लावालौंग
- लातेहार : चंदवा, नेतरहाट
- लोहरदगा : कैरो, जोबांग
- हजारीबाग : कटकमसांडी, केरेडारी
- गिरिडीह : डुमरी, पीरटांड़
- पश्चिम सिंहभूम : टोंटो, छोटानागरा, टेबो, जाराईकेला, गोईलकेरा, कराईकेला
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