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हाजीपुर रेल हादसा : ट्रैक की क्षमता 84 किमी की, ज्यादा तेज गुजर रही थीं ट्रेनें
महनार/सहदेई : हाजीपुर-बछवारा रेलखंड पर सहदेई बुजुर्ग स्टेशन के पास बीते रविवार की अहले सुबह हुए सीमांचल एक्सप्रेस रेल हादसे की जांच करने के लिए मंगलवार को इस्टर्न जोन के सीआरएस (कमिश्नर अॉफ रेलवे सेफ्टी) लतीफ खान सहदेई पहुंचे. वहां उन्होंने लगभग डेढ़ घंटे तक दुर्घटनास्थल, क्षतिग्रस्त रेलवे ट्रैक और बोगियों का निरीक्षण किया. इस […]
महनार/सहदेई : हाजीपुर-बछवारा रेलखंड पर सहदेई बुजुर्ग स्टेशन के पास बीते रविवार की अहले सुबह हुए सीमांचल एक्सप्रेस रेल हादसे की जांच करने के लिए मंगलवार को इस्टर्न जोन के सीआरएस (कमिश्नर अॉफ रेलवे सेफ्टी) लतीफ खान सहदेई पहुंचे. वहां उन्होंने लगभग डेढ़ घंटे तक दुर्घटनास्थल, क्षतिग्रस्त रेलवे ट्रैक और बोगियों का निरीक्षण किया.
इस दौरान उन्होंने कई बिंदुओं पर कड़ी आपत्ति भी जतायी. मौके पर मौजूद अधिकारियों ने जब उन्हें कुछ बताना चाहा तो उन्हें जांच के दौरान अपनी बात रखने को कहा. उन्होंने ट्रैक की क्षमता की भी जांच की और कहा कि यहां 84 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली क्षमता है, लेकिन इससे ज्यादा रफ्तार वाली ट्रेनें गुजरती हैं.
उल्लेखनीय है कि ट्रेनचालक एके गुप्ता के मुताबिक तीन फरवरी को हुए हादसे के वक्त सीमांचल एक्सप्रेस 107 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गुजर रही थी. वहीं, सीआरएस श्री खान ने आउटर सिग्नल की भी जांच की. उन्होंने ट्रैक चेंज करनेवाले क्रॉसिंग प्वाइंट व स्लीपरों की भी जांच की. ट्रैक बदलने वाले क्रॉसिंग प्वाइंट पर बोल्ट के साथ क्लिप नहीं लगे होने पर भी आपत्ति जतायी कि बोल्ट के साथ क्लिप लगा रहना चाहिए था.
और ठहर गये कमिश्नर के कदम
जांच के बाद सीआरएस ने अपने सैलून की तरफ वापस जाने के लिए कदम बढ़ाया था कि बगल से किसी अधिकारी ने कुछ कहा और मुड़कर वे बगल में रखे गये दुर्घटना में रेल पटरी को ज्वाइंट करने वाले दोनों ओर की क्लिप और रेल लाइन तथा साथ-साथ एक बोगी को दूसरे बोगी से जोड़नेवाले टूटे हुक के पास पहुंच गये. दो तीन-बार उन टुकड़ों को नीचे झुककर देखा और अपने मोबाइल से उसकी फोटो खींची. उन्होंने उन सारे टुकड़ों पर नंबर लिखकर लखनऊ भेजे जाने की बात कही. जांच के दौरान उनके साथ सोनपुर रेल मंडल व पूर्व मध्य रेल के सभी वरीय पदाधिकारी मौजूद थे.
सीआरएस, इस्टर्न जोन लतीफ खान ने कहा कि हर पहलू की काफी बारीकी से जांच की जा रही है. सारे रिकाॅर्ड देखकर ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकता है. रेलवे ट्रैक, बोगी आदि के मेंटेनेंस का रिकाॅर्ड भी देखा जायेगा.
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