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12 दिन बाद भी अपहृता को खोजने में नाकाम रही पुलिस

छातापुर : थाना क्षेत्र अंतर्गत मोहनपुर गांव से 11 दिन पूर्व अपहृत 12 वर्षीया नाबालिग की बरामदगी अब तक नहीं हो पाने से जहां परिजनों की चिंता बढ़ गयी है. वहीं किसी अनहोनी की आशंका को लेकर लोगों के बीच चर्चाओं का बाजार गरम है. दरअसल मामला दो पक्षों के बीच का है और सकुशल […]

छातापुर : थाना क्षेत्र अंतर्गत मोहनपुर गांव से 11 दिन पूर्व अपहृत 12 वर्षीया नाबालिग की बरामदगी अब तक नहीं हो पाने से जहां परिजनों की चिंता बढ़ गयी है. वहीं किसी अनहोनी की आशंका को लेकर लोगों के बीच चर्चाओं का बाजार गरम है. दरअसल मामला दो पक्षों के बीच का है और सकुशल बरामदगी नहीं होने से क्षेत्र में दिन ब दिन स्थिति गंभीर बनती जा रही. बरामदगी को लेकर कई थानाध्यक्ष को मिला कर टास्कफोर्स का गठन किया गया,

लेकिन पुलिस किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने में नाकाम है. बरामदगी तो दूर अपहृता का अब तक कोई ठोस सुराग भी नहीं मिल पाया है. अपहृता की मां के आवेदन पर दर्ज प्राथमिकी में अपहृता की हत्या कर दिये जाने की आशंका भी जतायी गयी है. दरअसल इससे पूर्व भी अपहरण की कई घटनाएं घटित हो चुकी है. जिसमें अधिकांश मामलों में पुलिस के उदासीन रवैया के कारण कई अपहृत का कंकाल ही बरामद हुआ.

कुछ की लाशें मिली तो कुछ अपहृत लंबे समय से अभी भी लापता है, जिसे ढूंढ पाने में पुलिस की निष्क्रियता उनके कर्तव्य पर सवाल खड़े कर रही है. हालांकि पुलिस अपहृत नाबालिग की अविलंब बरामदगी को लेकर दावे मात्र कर रही है, लेकिन यह दावा अब तक खोखला ही साबित हुआ है.

पूर्व की घटनाएं
छातापुर थाना अंतर्गत राजेश्वरी ओपी क्षेत्र के रतनसार गांव से 21 जनवरी 2015 को स्कूल जाने के क्रम में 15 वर्षीय छात्र सुजीत कुमार का अपहरण कर लिया गया था. परिजनों के लाख मिन्नत आरजू के बावजूद पुलिस अपहृत को खोजने में नाकाम रही. परिणाम यह हुआ कि चार माह बाद उसका कंकाल नदी में बोरे से बरामद किया गया.
अपहरण के बाद आरोपियों ने रंजिश के कारण धीरेंद्र मंडल के पुत्र सुजीत की हत्या करने के बाद शव को बोरे में रख कर पानी में छुपा दिया था. मामले में दर्ज कांड संख्या 14/15 के दोनों अभियुक्त स्थानीय संजय मंडल व उसके बहनोई गिरीश बहरदार जेल में है. आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है.
राजेश्वरी ओपी क्षेत्र के चरणे पंचायत से 19 अक्तूबर 2015 को अधेड़ परशुराम यादव घर से जदिया जाने के क्रम में रहस्यमय तरीके से लापता हो गया, जिसका पता लगाने में पुलिस नाकाम रही और घटना के 23 दिन बाद परशुराम का कंकाल कोरियापट्टी के समीप सुरसर धार के किनारे खैरबन्नी में मिला. मामले में दर्ज कांड संख्या 235/15 के एकमात्र नामजद शंभू यादव जेल में बंद है. मामले में आरोप पत्र समर्पित किया जा चुका है.
राजेश्वरी ओपी क्षेत्र के चरणे पंचायत से वीरेंद्र सरदार के 18 वर्षीय पुत्र मिथिलेश कुमार का अपहरण कर लिया गया. एक सप्ताह बाद मिथिलेश की लाश चरणे स्थित नहर पुल के नीचे से क्षत विक्षत अवस्था में बरामद हुआ. मामले में मृतक के पिता वीरेंद्र सरदार के आवेदन पर दर्ज थाना कांड संख्या 185/15 में चरणे निवासी राजो सरदार तथा अररिया जिला अंतर्गत भरगामा निवासी दंपत्ति विजेंद्र सरदार व पूजा देवी को नामजद किया गया. सभी आरोपी फरार बताये जा रहे हैं.
राजेश्वरी ओपी क्षेत्र के ही मुहम्मदगंज निवासी दुष्कर्मी को सजा दिलाने सुपौल न्यायालय जा रही मां बेटी महादलित दो महिला सहित एक डेढ़ वर्षीया बच्ची का दो नवंबर 2014 को घर लौटने के क्रम में अपहरण कर लिया गया, जिसका ढाई साल बाद भी पता नहीं चल सका है. सभी अपहृत का सुराग पाने में पुलिस विफल है. हालांकि मार्च 2015 में डेढ़ वर्षीया बच्ची सृष्टि कुमारी को मधेपुरा जिलान्तर्गत शंकरपुर नहर के समीप से ग्रामीणों ने लावारिस अवस्था में बरामद कर पुलिस को सौंप दिया, लेकिन मां बेटी 65 वर्षीया झरिया देवी व 20 वर्षीया मीना देवी अभी भी तक लापता है. मामले में मीना देवी की बहन रंजू देवी के आवेदन पर छातापुर थाना कांड संख्या 266/14 दर्ज है. जिसके सभी चार नामजद आरोपी कानून के शिकंजे से बाहर है.
इधर, डीएसपी त्रिवेणीगंज चन्द्रशेखर विद्यार्थी ने बताया कि अपहृता की सकुशल बरामदगी के लिए टास्क फोर्स का गठन तो कर दिया गया है, लेकिन पंचायत चुनाव में व्यस्तता के कारण सफलता नहीं मिल पायी है. उन्होंने पूर्व की घटनाओं के परिणाम के सवाल पर कुछ भी बताने से परहेज किया.

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