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प्रभात विशेष: सुपौल के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय पटल पर फिर से बजाया जीत का डंका

प्रभात विशेष: सुपौल के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय पटल पर फिर से बजाया जीत का डंका इंडो-भूटान ग्रेप्लिंग चैंपियनशिप में सुपौल के तीन होनहारों ने जीता गोल्ड मेडलप्रियंका की यह दूसरी बड़ी जीत, पूर्व में मॉस्को में लहराया था परचमकजाकिस्तान में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में शामिल होंगी प्रियंका व अंजलिफोटो-03,04,कैप्सन- जीत के बाद संघ के अधिकारियों […]

प्रभात विशेष: सुपौल के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय पटल पर फिर से बजाया जीत का डंका इंडो-भूटान ग्रेप्लिंग चैंपियनशिप में सुपौल के तीन होनहारों ने जीता गोल्ड मेडलप्रियंका की यह दूसरी बड़ी जीत, पूर्व में मॉस्को में लहराया था परचमकजाकिस्तान में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में शामिल होंगी प्रियंका व अंजलिफोटो-03,04,कैप्सन- जीत के बाद संघ के अधिकारियों के साथ खिलाड़ी व खिलाड़ियों को शाबासी देते डीएम.प्रतिनिधि, सुपौलभूटान में आयोजित इंडो-भूटान ग्रैप्लिंग चैंपियनशिप में भाग लेने वाले सुपौल के तीन खिलाड़ियों ने गोल्ड मेडल हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है. भूटान के फुनसोलिंग शहर में गत 09 एवं 10 जनवरी को आयोजित इस खेल में भारत के कुल 93 खिलाड़ियों ने भाग लिया था. इसमें सुपौल की प्रियंका कुमारी, उज्वल कुमार झा व मिहिर कुमार मिश्रा भी शामिल थे. इन तीनों प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में अपने प्रतिद्वंद्वी को परास्त कर स्वर्ण पदक हासिल करने में सफलता प्राप्त की. गोल्ड मेडल जीत कर घर लौटे तीनों खिलाड़ियों का स्थानीय लोगों, अधिकारी व जिला ग्रेप्लिंग संघ द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया.प्रियंका ने दूसरी बार लहराया परचमइंडो-भूटान ग्रेप्लिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले सुपौल के तीन खिलाड़ियों में से प्रियंका की यह दूसरी बड़ी जीत है. गौरतलब है कि प्रियंका व अंजलि इससे पूर्व अगस्त में रूस के मॉस्को में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ग्रेप्लिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल प्राप्त कर विश्व स्तर पर अपनी सफलता का परचम लहराया था. अस्वस्थता की वजह से अंजलि भूटान में आयोजित खेल में शामिल नहीं हो सकी. पर, प्रियंका ने फिर से बड़ी जीत प्राप्त कर अपनी विजयी यात्रा जारी रखी. प्रियंका ने बताया कि मई में कजाकिस्तान में होने वाले एशियन गेम्स में शामिल होने का उसे अवसर मिला है. इसके लिए उसने तैयारी प्रारंभ कर दी है. सफलता की राह में अर्थ का अवरोधप्रियंका ने बताया कि खेल उसका जुनून है, लेकिन पैसे की कमी अक्सर राह में रोड़े अटकाती है. बताया कि ग्रेप्लिंग खेल को हरियाणा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है. राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक हासिल करने वाले हरियाणा के खिलाड़ियों को वहां की सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाता है. साथ ही सरकारी नौकरी भी दी जाती है. पर, राष्ट्रीय स्तर पर ग्रेप्लिंग को अब तक मान्यता नहीं प्राप्त होने की वजह से किसी भी राष्ट्रीय व विश्वस्तरीय खेल में शामिल होने के लिए अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को खर्च का वहन खुद करना पड़ता है. मॉस्को गेम्स में शामिल होने के लिए प्रियंका व अंजलि पर तीन लाख रुपये खर्च हुए थे. इसमें से दो लाख रुपये लोगों के सहयोग व अपने स्तर से चुकाया गया, जबकि संघ का एक लाख रुपये अब भी उनके ऊपर कर्ज है. खिलाड़ियों ने जिलाधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों से उक्त कर्ज को चुकाने के लिए मदद मांगी है. वहीं आगे कजाकिस्तान जाने-आने में लगने वाले खर्च की चिंता अभी से सताने लगी है. बधाइयों का लगा तांताजिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने जिले के इन प्रतिभावान खिलाड़ियों से मिल कर उन्हें जीत की बधाई दी एवं भविष्य में और भी नयी ऊंचाई हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया. बिहार ग्रेप्लिंग संघ के महासचिव सुबोध कुमार यादव, राष्ट्रीय ग्रेप्लिंग संघ के एडीजीपी शील मधुर, महासचिव शिव कुमार पंचाल, जिला ग्रेप्लिंग संघ के संयोजक रमेश कुमार, अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, उपाध्यक्ष पंचम कुमार साह, निदेशक अजय अंकोला, महासचिव व कोच हरि ओम रजक ने भी हर्ष जताते हुए उन्हें बधाई दी है. महासचिव श्री रजक ने बताया कि प्रतियोगिता से पूर्व हरियाणा के रोहतक में गत 27 से 29 नवंबर तक आयोजित राष्ट्रीय ग्रेप्लिंग चैंपियनशिप में सुपौल के चार प्रतिभागी बिहार टीम की ओर से शामिल हुए थे. इनमें इन तीनों का चयन किया गया था.

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