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Saran News : छात्रों की आवाज को लाठी से नहीं कुचला जा सकता : आइसा

Saran News : आइसा की सारण जिला इकाई ने एसटीइटी अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज के खिलाफ शुक्रवार को नगरपालिका चौक पर विरोध प्रदर्शन किया.

एसटीइटी अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन नोट: फोटो नंबर 8 सीएचपी 16 है कैप्सन होगा-प्रदर्शन करते आइसा के छात्र प्रतिनिधि, छपरा. आइसा की सारण जिला इकाई ने एसटीइटी अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज के खिलाफ शुक्रवार को नगरपालिका चौक पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का पुतला दहन किया गया. नेताओं ने कहा कि सरकार का लाठी चार्ज और गिरफ्तारी का यह हमला पूरे छात्र-युवा समाज पर है. शांतिपूर्ण ढंग से अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरे छात्रों पर लाठीचार्ज और गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला है. हमारा यह प्रदर्शन लोकतंत्र को बचाने के लिए है. हम सिर्फ एक परीक्षा की तारीख मांगने नहीं खड़े हैं, बल्कि न्याय के लिए लड़ रहे हैं. आइसा नेताओं ने कहा कि एसटीइटी की परीक्षा को डेढ़ साल से लटकाकर और टीआरइ-4 का नाम लेकर सरकार ने छात्रों के भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया है. यह पांच लाख छात्रों को शिक्षा व्यवस्था से बाहर करने की साजिश है. सरकार नौकरियां देने की बजाए युवाओं की आवाज को दबाना चाहती है. कार्यक्रम में शामिल छात्र व युवाओं ने एसटीइटी की तिथि घोषित करो, पुलिसिया दमन बंद करो, युवाओं को रोज़गार दो आदि नारे लगाए. छात्रों ने छात्रों को जुते से मारने वाले पुलिस अधिकारी को बर्खास्त करने और अन्य दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने कहा कि हम चेतावनी देते हैं कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज़ होगा. हर गली, मोहल्ला, कॉलेज और यूनिवर्सिटी से छात्र आवाज उठाएंगे. प्रदर्शन में जिला अध्यक्ष कुणाल कौशिक, जिला सचिव दीपांकर मिश्र, जिला कमेटी सदस्य विकास कुमार, हिमांशु कुमार, रोहित गुप्ता, अखिलेश कुमार, अभय कुमार, नीरज कुमार, लक्ष्मी कुमारी व अन्य उपस्थित थे. नोट: फोटो नंबर 8 सीएचपी 16 है कैप्सन होगा-प्रदर्शन करते आइसा के छात्र प्रतिनिधि, छपरा. आइसा की सारण जिला इकाई ने एसटीइटी अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज के खिलाफ शुक्रवार को नगरपालिका चौक पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का पुतला दहन किया गया. नेताओं ने कहा कि सरकार का लाठी चार्ज और गिरफ्तारी का यह हमला पूरे छात्र-युवा समाज पर है. शांतिपूर्ण ढंग से अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरे छात्रों पर लाठीचार्ज और गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला है. हमारा यह प्रदर्शन लोकतंत्र को बचाने के लिए है. हम सिर्फ एक परीक्षा की तारीख मांगने नहीं खड़े हैं, बल्कि न्याय के लिए लड़ रहे हैं. आइसा नेताओं ने कहा कि एसटीइटी की परीक्षा को डेढ़ साल से लटकाकर और टीआरइ-4 का नाम लेकर सरकार ने छात्रों के भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया है. यह पांच लाख छात्रों को शिक्षा व्यवस्था से बाहर करने की साजिश है. सरकार नौकरियां देने की बजाए युवाओं की आवाज को दबाना चाहती है. कार्यक्रम में शामिल छात्र व युवाओं ने एसटीइटी की तिथि घोषित करो, पुलिसिया दमन बंद करो, युवाओं को रोज़गार दो आदि नारे लगाए. छात्रों ने छात्रों को जुते से मारने वाले पुलिस अधिकारी को बर्खास्त करने और अन्य दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने कहा कि हम चेतावनी देते हैं कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज़ होगा. हर गली, मोहल्ला, कॉलेज और यूनिवर्सिटी से छात्र आवाज उठाएंगे. प्रदर्शन में जिला अध्यक्ष कुणाल कौशिक, जिला सचिव दीपांकर मिश्र, जिला कमेटी सदस्य विकास कुमार, हिमांशु कुमार, रोहित गुप्ता, अखिलेश कुमार, अभय कुमार, नीरज कुमार, लक्ष्मी कुमारी व अन्य उपस्थित थे.

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