लोगों को जाति धर्म में बांटकर आपस में लड़ाना नेताओं की है करतूत सौरबाजार . आधुनिकता के इस दौर में लोगों के पास संतान, संपत्ति, गाड़ी, बंगला जमीन जायदाद सबकुछ रहने के बावजूद भी उन्हें सत्संग के बिना शांति नहीं मिल पा रही है. उक्त बातें अखिल राष्ट्रीय संतमत सत्संग के दो दिवसीय जिला अधिवेशन में रविवार को प्रवचन के माध्यम से संतमत के आचार्य स्वामी योगानंद जी महाराज ने कही. उन्होंने जिला के सौरबाजार प्रखंड के खजुरी पंचायत स्थित सपहा गांव में आयोजित सत्संग अधिवेशन में कहा कि मनुष्य के जीवन में शांति के लिए सत्संग अतिआवश्यक है. संत व सत्संग के सानिध्य में आकर बुरा से बुरा व्यक्ति भी अच्छा बन जाता है. जहां सत्संग का आयोजन किया जाता है वहां उस गांव के लोगों की कुरीतियों को संतों द्वारा सत्संग प्रवचन के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया जाता है. उन्होंने सभी जाति, धर्म, संप्रदाय के लोगों को एक होकर ईश्वर की भक्ति करने का आग्रह करते कहा कि ईश्वर की नजर में सब एक हैं. जाती प्रथा नेताओं की देन है. चुनाव में लाभ लेने के लिए नेताओं द्वारा जाती में लोगों को बांटकर उन्हें विभाजित किया जा रहा है. महर्षि मेंहीं योगपीठ के नेतृत्व में आयोजित इस अधिवेशन में सहरसा, मधेपुरा, सुपौल सहित आसपास के जिले से हजारों की संख्या में संतमत से जुड़े लोग अधिवेशन स्थल पर पहुंचकर संतों के प्रवचन को सुन रहे हैं. आयोजन समिति द्वारा दूर दराज से आने वाले लोगों के लिए भोजन, पानी, शौचालय, विश्रामालय, वाहन पार्किंग सहित अन्य सभी व्यवस्था की गयी है. सत्संग में विभिन्न जगहों से आए साधु संतों द्वारा सत्संग प्रवचन एवं भजन की प्रस्तुति से लोग लाभांवित हो रहे हैं. अधिवेशन को सफल बनाने में सपहा सहित आसपास के लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है.
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