पोखर के जीर्णोद्धार की लोगों में जगी आस सहरसा . नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 13 में न्यू कॉलोनी के निकट बने पोखर की जांच को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण पटना की टीम ने शुक्रवार को स्थल का निरीक्षण करते निकट के चिकित्सकों के यहां जाकर भी व्यवस्था को देखा. मालूम हो कि वार्ड 13 की पार्षद दीक्षा कुमारी में नगर निगम क्षेत्र के इस महत्वपूर्ण पोखर में मेडिकल कचरा सहित अगल-बगल में हो रहे अतिक्रमण एवं लोगों के घरों से फेंके जा रहे कचरे को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में मामला दर्ज कराया था. जिसमें पिछले छह महीने से मामला चल रहा है एवं विभिन्न टीमों द्वारा पूर्व में जांच भी की गयी. साथ ही पोखर के निकट बने क्लिनिक को नोटिस भी भेजा गया. जिस आलोक में शुक्रवार को टीम ने जायजा लिया. टीम में आये डॉ सरोज कुमार बारी ने बताया कि इस पोखर का निर्माण वर्ष 2012 में छठ पूजा को लेकर किया गया था. बनने दो वर्ष बाद ही यह पोखर डेड घोषित कर दिया गया. पोखर में मेडिकल वेस्टेज सहित कचरा को लेकर पोखर को खतरनाक घोषित किया गया. जिसको लेकर स्थानीय वार्ड पार्षद दीक्षा भारती ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण पटना में मामला दर्ज कराया. जिस आलोक में विभिन्न जांच टीम द्वारा पूर्व में जांच की गयी है. अगली सुनवाई एक मई को होगी. जिसमें निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि वे भी जांच के लिए यहां आये हैं. उन्होंने कहा कि पोखर के सौंदर्यीकरण का प्लान बनाया जा रहा है. पूरे पोखर का नये सिरे से जीर्णोद्धार होगा. नगर निगम आयुक्त सुशील कुमार मिश्रा ने भी यहां सीसीटीवी कैमरा लगाने, निगरानी के लिए स्टाफ रखने की बात कही है. यहां बायो केयर पैथोलॉजी को हटाने का नोटिस जारी किया गया है. अतिक्रमण को हटाते पूरे क्षेत्र को सुसज्जित किया जायेगा. चिकित्सकों के यहां जांच की गयी तो बताया गया कि अस्पतालों का बायो मेडिकल वेस्ट मुजफ्फरपुर की मेडिकेयर से टाइअप है जो सारा कचरा उठा कर ले जाती है. वहीं आयुष नर्सिंग होम के निर्देशक सह वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि उनके यहां भी निरीक्षण किया गया है. नर्सिंग होम को बिहार सरकार के पॉल्यूशन बोर्ड से रजिस्ट्रेशन मिला हुआ है. यहां पानी के लिए चार सोख्ता बना हुआ है. समय-समय पर टेंकलौरी के माध्यम से पानी निकाला जाता है. मेडिकल कचरा के लिए मुजफ्फरपुर की मेडिकेयर से टाइअप किया गया है. जो मेडिकल कचरा ले जाती है. कहती हैं वार्ड पार्षद वार्ड पार्षद दीक्षा भारती ने कहा कि उनके वार्ड स्थित पोखर उनके प्राथमिकता में रहा है. पोखर को एक बार फिर से सौंदर्यीकरण करते छठ पूजा के लायक बनाने का उनका प्रयास किया है. उन्होंने बताया कि वार्ड योजना के तहत पिछले दिनों 13 लाख से अधिक राशि से पोखर की उड़ाही की गयी. इसके बाद भी मेडिकल वेस्टेज इसमें फेंका जा रहा था. जिसको लेकर उन्होंने स्थानीय स्तर पर भी आवेदन देकर पोखर को नये स्वरूप में लाने का प्रयास किया. लेकिन यहां इतनी सफलता नहीं मिली. जिसे देखते हुए उन्होंने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण पटना में मामला दर्ज कराया. इसके बाद समय-समय पर जांच टीम द्वारा जांच की जा रही है. अब उन्हें भरोसा हो चला है कि इस पोखर का संपूर्ण सौंदर्यीकरण होगा एवं स्थानीय लोगों को इससे काफी लाभ मिलेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है