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शिक्षकों की कमी, कोचिंग ही सहारा

डगरूआ : सरकार एक ओर जहां सूबे के सभी पंचायतों में उच्च विद्यालय की सुविधा देने में जुटी है वहीं हरहाल में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा को लेकर कृतसंकल्पित भी है. मगर प्रखंड में पिछले पांच साल के दरम्यान जितने भी मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में अपग्रेड किया गया है, उन सभी उउवि में संसाधनों […]

डगरूआ : सरकार एक ओर जहां सूबे के सभी पंचायतों में उच्च विद्यालय की सुविधा देने में जुटी है वहीं हरहाल में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा को लेकर कृतसंकल्पित भी है. मगर प्रखंड में पिछले पांच साल के दरम्यान जितने भी मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में अपग्रेड किया गया है, उन सभी उउवि में संसाधनों की घोर कमी दिख रही है.

अपग्रेडेशन की श्रेणी में आये अमूमन सभी उवि में शिक्षकों की कमी पिछले पांच सालों से है. इतना ही नहीं चार वर्ष से निर्माणाधीन उवि भी आधे-अधूरे अवस्था में पड़ा हुआ है. प्रखंड के अपग्रेड हुए उवि में डगरुआ, सियारखम, बरसौनी, कोढ़ैली व बेलगच्छी में भवन तो बनकर तैयार है.लेकिन विषयवार शिक्षकों की पदस्थापन विद्यालय में अबतक नहीं हुई है.
वहीं वर्ष 2014 में ही मवि बभनी को भी उवि के रूप में अपग्रेड किया गया. वर्ष 2015 में सत्र आरंभ होने के बाद लगातार तीन वर्षों से करीब 150 बच्चों ने माध्यमिक बोर्ड की परीक्षा पास की है.मगर इस उवि का निर्माणाधीन भवन पिछले दो वर्ष से आधे-अधूरे अवस्था पड़ा हुआ है.इस भवन को पूर्ण करने में जहां संबंधित एजेंसी का उदासीन रवैया रहा है
वहीं विद्यालय प्रबंधन समिति भी कोई कारगर पहल नहीं कर पा रही है.स्थानीय अविभावकों का मानना है कि लाखों की लागत से खरीदे गये साइंस किट व लैब का सामान भवन नहीं होने से जहां मवि के कमरे में पड़ा हुआ है, वहीं विज्ञान के शिक्षक नहीं होने के चलते इसका कोई उपयोग भी नहीं हो पा रहा है.जानकारी के अनुसार उवि में अपग्रेड हुए विद्यालय के भरोसे मवि से पास आउट छात्र आगे की पढ़ाई के लिए किसी दूसरे विद्यालय में नामांकन नहीं कराते हैं.

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