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सीबीएसइ : अब हर सुबह स्कूल के बच्चों की मानसिक सेहत को बेहतर करने के लिए होगी पॉजिटिव बातें

सीबीएसइ की ओर से सभी स्कूलों के लिये मॉर्निंग असेंबली के फॉर्मेट में बदलाव किया है.

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संवाददाता, पटना

सीबीएसइ की ओर से सभी स्कूलों के लिये मॉर्निंग असेंबली के फॉर्मेट में बदलाव किया है. बोर्ड की सुबह की प्रार्थना सभा में सकारात्मक विचारों को शामिल करने का निर्देश दिया है. यह पहल विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है. बोर्ड का मानना है कि विद्यार्थियों के दिन की शुरुआत सकारात्मक विचारों से की जायेगी, तो उनमें आत्मविश्वास, एकाग्रता और मानसिक संतुलन बेहतर होगा. बोर्ड ने सभी स्कूलों के प्राचार्यों को सलाह देते हुए कहा है कि नियमित रूप से सकारात्मक बातें करने से विद्यार्थियों की मानसिक स्थिति, आत्मविश्वास, आत्मछवि और संतुलन में सुधार होगा. इसके लिए बोर्ड की ओर स अलग-अलग प्वाइंट शेयर करते हुए सकारात्मक बातों को साझा करने के बारे में जानकारी दी गयी है. प्रतिदिन प्रार्थना सभा में दिये गये प्वाइंट में से एक से दो सरल, आयु-उपयुक्त अफर्मेशन को शामिल करने को कहा है. इसमें यह भी ख्याल रखने को कहा है कि वाक्य आत्म संयम, सम्मान और स्वास्थ्य से संबंधित हो. प्रत्येक पॉजिटिव बातें अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में पढ़ने को कहा गया है, ताकि सभी बच्चे उसे समझें और उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें.

सीबीएसइ द्वारा दिये गये उदाहरण

– मैं हमेशा खुश रहता हूं

– मैं हर परिस्थिति में शांत और स्थिर रहता हूं

– मेरी एकाग्रता और स्मरण शक्ति बेहतर है

– मैं स्वास्थ्यवर्धक भोजन करता हूं, मेरा शरीर निरोगी है

– मैं गैजेट्स का उपयोग केवल पढ़ाई के लिए करता हूं

– मैं सबका सम्मान करता हूं, मैं प्रकृति का सम्मान करता हूं

अलग उदाहरण के आधार पर बच्चों को किया जायेगा मोटिवेट

सीबीएसइ के सिटी को-ऑर्डिनेटर एसी झा ने कहा कि विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक-भावनात्मक विकास को सशक्त बनाने के उद्देश्य से यह एक सराहनीय पहल साबित होगी. नये सत्र से सभी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना सभा में पॉजिटिव बातें और विद्यार्थियों के कॉन्फिडेंस लेवल को बूस्ट करने वाली बातें साझा की जानी है. सीबीएसइ के ओर दिये गये उदाहरण के आधार पर ही प्रतिदिन एक याह दो प्वाइंट को केंद्रित करते हुए विद्यार्थियों को मोटिवेट करने की जिम्मेदारी शिक्षकों की होगी. इसके लिए अलग-अलग दिन स्वास्थ्य, पर्यावरण, सेल्फ कॉन्फिडेंस, गैजेट्स की उपयोगिता व अन्य विषय पर स्कूली बच्चों को मोटिवेट करते हुए इसे दिनचर्या में शामिल करने के लिए भी मोटिवेट किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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