संवाददाता, पटना
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और उनके कौशल विकास के लिए जिले के सभी 12 संसाधन केंद्रों को विकसित किया है. दिव्यांग बच्चों की सहूलियत के लिए इन संसाधन केंद्रों पर ही बच्चों की जांच कर उन्हें दिव्यांगता सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया जायेगा. इसके साथ ही दिव्यांग बच्चों की बेहतर सुविधा के लिए इलाज और थेरेपी को भी विकसित किया जायेगा. इन सभी संसाधन केंद्रों पर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों को फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, श्रवण क्षमता का आकलन, ब्रेल प्रशिक्षण व्यवहार प्रबंधन, अभिभावक, प्रशिक्षण, विशेष शैक्षणिक स्पोर्ट, दैनिक जीवन कौशल कार्य संचालित किया रहा है. केंद्रों में इंस्ट्रक्टर और फिजियोथेरेपिस्ट को भी विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा. अलग-अलग श्रेणी के दिव्यांग बच्चों को मिलने वाली ट्रेनिंग का समय और तिथि भी फिक्स की जायेगी.चार दृष्टिबाधित छात्राओं को दिया गया प्री-साॅफ्टवेयर मोबाइल फोन
बिहार शिक्षा परियोजना पटना के समावेशी शिक्षा संभाग के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, मनेर के पूर्ण दृष्टिबाधित चार छात्राओं को प्री-साॅफ्टवेयर मोबाइल फोन दिया गया. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) पूनम कुमारी ने छात्राओं को प्री-साफ्टवेयर मोबाइल फोन देते हुए कहा कि दृष्टिबाधित छात्राएं इसके माध्यम से मोबाइल को टच कर पढ़ाई कर सकती हैं. इसमें सॉफ्टवेयर के माध्यम से सभी पाठ्यक्रम समाहित किये गये हैं. इससे पूर्ण दृष्टिबाधित छात्राएं अपनी पढ़ाई बेहतर ढंग से आसानी के साथ कर सकेंगी. यह डिवाइस उनके लिए काफी उपयोगी साबित होगी. मौके पर समावेशी शिक्षा संभाग प्रभारी संध्या कुमारी, विशेष शिक्षक शशिकांत सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है