संवाददाता, पटना. बुद्ध मिशन ऑफ इंडिया के तत्वाधान में भगवान बुद्ध की 2569वां जन्मोत्सव, सम्बोधि की प्राप्ति एवं परिनिर्वाण दिवस पूर्णिमा महोत्सव के रूप में कार्यक्रम का आयोजन बुद्ध मूर्ति (कदमकुआं) में किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन वर्मा से आये हुए भंते यू. मंडला ने दी प्रज्वलित कर किया. मौके पर उन्होंने कहा है कि विश्व में अशांति ही अशांति है. अशांति में देश का विकास संभव नहीं है. अगर हम भगवान बुद्ध के बताये मार्ग पर चले तो निश्चित ही शांति की स्थापना हो सकती है. सामारोह की अध्यक्षता करते हुए बुद्ध मिशन ऑफ इंडिया के सचिव डॉ. कमल प्रसाद बौद्ध ने कहा कि बुद्ध का त्रिशरण, पंचशील और अष्टोंगिक मार्ग को जीवन में प्रयोग करने से अनेक समस्याओं से छुटकारा हो सकता हैं. एक मानव दूसरे के बीच करूणा मैत्री से ही जीता जा सकता है. आज विश्व को युद्ध की नहीं, शांति की जरूरत है. राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के उपाधीक्षक डॉ. अरूण कुमार सिंह ने कहा कि बुद्ध के दर्शन में आत्म निर्भरता का सिद्धान्त जीवन के हर पहलू में महत्वपूर्ण है. यह मानसिक और अध्यात्मिक विकास में सहायक है. अखिलेश कुमार ने कहा कि बौद्ध धर्म वैज्ञानिक धम्म है. इसमें रूढ़िवाद और अंध विश्वास के लिए कोई स्थान नहीं है. प्रो. महेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि समाज में नैतिक मूल्यों का विकास करने के लिए समाज में मैत्री, करूणा एवं मुदिता के गुणों को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक दृष्टि को अपनाया है. इस अवसर पर सूत्रपाठ, शांति पाठ, विश्व में शांति, सद्भाव स्थापित करने के शांति पाठ किया गया है. समारोह को डॉ. गोपाल प्रसाद, विजय सिंह, डॉ.आश्वती वर्मा, डॉ. एम पाल, सीताराम कुमार, जीवन ज्योति के अध्यक्ष रवि रंजन कुमार, सुषमा तिरकी, मो. कमल हसन ने भी संबोधित किया . मौके पर बुद्ध मिशन ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित धम्म चक्क स्मारिका का लोकर्पण किया गया, जिसमें भगवान बुद्ध के जीवन दर्शन पर आधारित आलेख प्रकाशित किया गया है. धन्यवाद ज्ञापन, डॉ. सविता सिन्हा ने किया.
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