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साइबर ठग समझ बिहार के शहीद की पत्नी ने काटा था सेना मुख्यालय का कॉल, मां को अकेला देख लौट गयी थी पुलिस

बिहार के सीवान निवासी जवान रामबाबू सिंह जम्मू में शहीद हुए तो इसकी जानकारी परिवार वालों को देने में काफी मशक्कत हुई. पत्नी ने साइबर ठग समझकर कॉल काट दिया. पुलिस दरवाजे तक आयी लेकिन अकेली मां को देखकर वापस लौट गयी.

भारतीय सेना ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सीमा पार बसे आतंकियों पर कहर बनकर टूटी.पाकिस्तान इस कदर बौखलाया कि सीजफायर के बाद भी उसने गोलीबारी की. भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तानी हमलों को फेल किया. इस दौरान बिहार के तीन जवान शहीद हो चुके हैं. सीवान के वसिलपुर निवासी रामबाबू सिंह भी शहीद हुए हैं. पांच महीने पहले उनकी शादी हुई थी.

जम्मू में शहीद हुए रामबाबू सिंह

वसिलपुर के स्व. रामविचार सिंह के दूसरे नंबर के पुत्र रामबाबू सिंह ने वर्ष 2017 में फौज ज्वाइन किया था. महज 19 साल की उम्र में ही वो आर्मी के आरटी ब्रिगेड में शामिल हो गए थे. सोमवार को सीजफायर के बाद भी जब पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के जरिए हमले जारी थे तब उसे S-400 सिस्टम मिसाइल से डिफ्यूज करने के दौरान रामबाबू जख्मी हुए और उनका निधन हो गया.

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पांच महीने पहले हुई थी शादी, पत्नी को शहादत के दिन भी किया था कॉल

14 दिसंबर 2024 को रामबाबू की शादी अंजली से हुई थी. शादी के बाद वो अधिकतर वक्त ड्यूटी पर ही रहे. सोमवार को ही सुबह 10:30 बजे उन्होंने अपनी पत्नी अंजली को फोन करके बताया कि वो ड्यूटी पर हैं. शाम में फिर कॉल करेंगे. कुछ नॉर्मल बातचीत भी दोनों की इस दौरान हुई. अंजली को शाम का इंतजार था. लेकिन इस बीच एक और कॉल आया जो बेहद मनहूस खबर बताने किया गया था.

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साइबर ठग समझ बिहार के शहीद की पत्नी ने काटा था सेना मुख्यालय का कॉल, मां को अकेला देख लौट गयी थी पुलिस 3

आर्मी हेडक्वॉर्टर से आया कॉल, पत्नी ने साइबर ठगी के डर से काटा

बताया जाता है कि सोमवार को दिन में करीब 3.30 बजे अंजली के पास आर्मी हेडक्वॉर्टर से एक कॉल आया. अंजली से घर का विवरण लिया जा रहा था. इसपर अंजली को लगा कि साइबर क्राइम से जुड़ा फोन कॉल है और उसने फौरन फोन कट कर दिया. इसके बाद आर्मी मुख्यालय से फिर रामबाबू के बड़े भाई अखिलेश के मोबाइल पर कॉल किया गया. इस दौरान वो झारखंड में ड्यूटी पर थे. वो रेलवे में लोको पायलट हैं.

पुलिस वाले आए, मां को अकेला पाकर वापस लौटे

रामबाबू शहीद हो चुके थे. गांव वाले बताते हैं कि सोमवार की शाम को करीब साढ़े 4 बजे पुलिस की डायल 112 की टीम गांव आयी. रामबाबू के घर का पता पूछते हुए उनके दरवाजे तक गयी. उस समय घर पर केवल रामबाबू की मां ही थीं. डायल 112 की टीम ने उनकी मां को बिना बताए आसपास के लोगों को केवल यह कहा कि रामबाबू घायल या बीमार हैं. इसके बाद ही खबर गांव में धीरे-धीरे फैली. बुधवार को उनका पार्थिव शरीर सीवान स्थित उनके पैतृक गांव आएगा.

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