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पटना : 551 ने खरीदा फॉर्म, नहीं किया नोमिनेशन

पीयू छात्र संघ चुनाव. कल नोमिनेशन की अंतिम तिथि, जोड़-तोड़ है जारी प्रत्याशी क्लासों में जा-जा कर कर रहे हैं प्रचार प्रसार पटना : पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में फॉर्म की बिक्री मंगलवार को समाप्त हो गयी. मंगलवार शाम तक कुल 551 फॉर्म बिके, लेकिन एक भी छात्र नोमिनेशन कराने नहीं पहुंचा. पूरे दिन […]

पीयू छात्र संघ चुनाव. कल नोमिनेशन की अंतिम तिथि, जोड़-तोड़ है जारी
प्रत्याशी क्लासों में जा-जा कर कर रहे हैं प्रचार प्रसार
पटना : पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में फॉर्म की बिक्री मंगलवार को समाप्त हो गयी. मंगलवार शाम तक कुल 551 फॉर्म बिके, लेकिन एक भी छात्र नोमिनेशन कराने नहीं पहुंचा. पूरे दिन पीयू के व्हीलर सीनेट हॉल में अधिकारी इंतजार करते रहे, लेकिन कोई भी छात्र नामांकन कराने नहीं पहुंचा. बुधवार को कुछ नामांकन होने की उम्मीद है. वहीं अंतिम दिन गुरुवार को ज्यादातर उम्मीदवार नामांकन करेंगे. नामांकन नहीं होने के पीछे कारण बताया जा रहा है कि प्रत्याशियों को लेकर जोर-तोड़ की प्रक्रिया जारी है. अब तक प्रत्याशी यही तय नहीं कर पा रहे हैं कि किस सीट के लिए चुनाव लड़ें और किस संगठन से लड़ें. कुछ ने तय कर भी लिया है, तो वे जानबूझ कर अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं.
नामांकन नहीं, लेकिन प्रचार जोरों पर :
पटना विश्वविद्यालय में नामांकन करने प्रत्याशी नहीं पहुंच रहे हैं, लेकिन अभी से ही पर्चा बांटने और जनसंपर्क ताबड़तोड़ तरीके से हो रहा है. प्रत्याशी घूम-घूम कर कॉलेजों के क्लासों में जा-जा कर प्रचार प्रसार कर रहे हैं.
हालांकि पीजी विभागों में उन्हें निराशा हाथ लग रही है, क्योंकि परीक्षा व चुनाव की वजह से उपस्थिति काफी कम है.एमएमसी व पीडब्ल्यूसी गेट पर कैंप कर रहे ज्यादातर नेता : सबसे अधिक भीड़ महिला कॉलेजों में हैं. मगध महिला कॉलेज में सबसे अधिक पर्चे बांटे जा रहे हैं. वहीं, पटना वीमेंस कॉलेज में भी ऐसे ही हालात हैं. इसके अतिरिक्त पटना कॉलेज व साइंस कॉलेज में भी प्रचार जारी है. चूंकि महिला कॉलेजों में छात्राओं की संख्या काफी अधिक है और यही दोनों कॉलेज जीत में बड़ी भूमिका निभाते हैं, सभी संगठनों का फोकस अभी इन्हीं दोनों कॉलेजों में हैं.
पटना. अब तक लेफ्ट यूनिटी नहीं बनने की वजह से पीयू के छात्र संघ चुनाव में इस बार आइसा ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है. आइसा की जेनरल बॉडी मीटिंग में उक्त निर्णय लिया गया. आइसा के इस निर्णय के बाद पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में इस बार अलग चुनावी परिदृश्य देखने को मिल सकता है. अब तक वाम गठबंधन एक साथ चुनाव लड़ते आये थे, लेकिन 2012 के बाद विगत वर्षों के चुनावों में लेफ्ट द्वारा कोई खास प्रदर्शन कैंपस में देखने को नहीं मिला, जबकि 2012 में आइसा की प्रत्याशी दिव्या गौतम अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार थीं और काफी कम अंतर से दूसरे स्थान पर रहीं थीं.
वहीं, एआइएसएफ से दो प्रत्याशी अंशु महासचिव पर तथा अंशुमान उपाध्यक्ष पद जीते थे. लेकिन उसके बाद लेफ्ट विगत चुनावों में कोई खास करिश्मा नहीं कर पाया और एबीवीपी, जदयू के अलावा कुछ हद तक छात्र जनाधिकार का जलवा देखने को मिला. छात्र राजद की स्थिति भी विगत चुनावों में कुछ खास नहीं रही. छात्र जदयू का भी यही हाल था. लेकिन पिछले वर्ष के चुनाव में प्रशांत किशोर के छात्र राजनीति में सीधे दखल के बाद छात्र जदयू ने अध्यक्ष सहित सेंट्रल पैनल की दो सीटों पर कब्जा किया था.
सेंट्रल यूनिवर्सिटी का मुद्दा होगा प्रमुख
आइसा के नेता मोख्तार ने कहा कि पीयू को केंद्रीय विवि बनाने की मांग को प्रमुख एजेंडे के बतौर लाया जायेगा.
चुनाव में होंगे कई मुद्दे
फी स्ट्रक्चर, 24 घंटा लाइब्रेरी, सशक्त जेंडर सेल, कैंपस की सुरक्षा, प्लेसमेंट सेल मुख्य मुद्दे होंगे. नयी शिक्षा नीति, रोजगार की स्थिति को प्रमुखता के साथ उठाया जायेगा. आइसा महिला भागीदारी के साथ सेंट्रल पैनल को मजबूत करेगा.
बैठक में विकास यादव, प्रियंका प्रियदर्शनी, प्राची, पुनीत, आलोक तिवारी, रामजी यादव, तौसिफ आफाक, रेहान, अभिषेक केशरी, दानिश अनवर, रिशु, सरोज, पीयूष राज, मृणाल, फैज असलम, पुष्पा, कोमल, ऋषि, निशांत, अनुकूल आनंद, प्रीत, सत्य प्रकाश, शुभम, शादाब अंजुम सैकड़ों छात्र थे.

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