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पटना : परिवहन विभाग ने दी बड़ी राहत, फिटनेस और टैक्स डिफॉल्टर वाहनों के लिए भी माफी योजना

पटना : टैक्स डिफाॅल्टर व्यावसायिक वाहन मालिकों को परिवहन विभाग ने बड़ी राहत दी है. व्यावसायिक वाहनों और ट्रैक्टर-ट्रेलर को अर्थदंड या फीस या टैक्स की एकमुश्त राशि जमा करने पर विशेष छूट दिये जाने का प्रावधान किया गया है. परिवहन विभाग की सर्वक्षमा योजना को कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दी. कैबिनेट विभाग के […]

पटना : टैक्स डिफाॅल्टर व्यावसायिक वाहन मालिकों को परिवहन विभाग ने बड़ी राहत दी है. व्यावसायिक वाहनों और ट्रैक्टर-ट्रेलर को अर्थदंड या फीस या टैक्स की एकमुश्त राशि जमा करने पर विशेष छूट दिये जाने का प्रावधान किया गया है. परिवहन विभाग की सर्वक्षमा योजना को कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दी.
कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव डाॅ दीपक प्रसाद ने बताया कि इस योजना के लागू होने से बड़ी संख्या में वाहनों के टैक्स के दायरे में आने की संभावना है. वैसे वाहन, जो 10-20 वर्ष पुराने हैं, काफी जर्जर हो गये हैं और सड़क पर उपलब्ध नहीं हैं, वैसे वाहनों का कोई पता नहीं चल पाता.
इस तरह के वाहनों पर भी टैक्स व पेनाल्टी के बकाये के लिए भी उनके विरुद्ध नीलामपत्र वाद दायर है, जो वसूल नहीं हो पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि टैक्स डिफाॅल्टर निबंधित या अनिबंधित ट्रैक्टर-ट्रेलर, जो कृषि या व्यावसायिक कार्यों में प्रयोग किये जाते हैं, उनके मालिक 25,000 रुपये जमा कर वाहन को निबंधित या नियमित करा सकते हैं. अगर नीलामपत्र वाद दायर है, तो उसे विभाग वापस ले लेगा.
सभी प्रकार के निबंधित या अनिबंधित व्यावसायिक या मालवाहक वाहन जो एक साल पूर्व तक टैक्स डिफाॅल्टर हैं, उनको बकाया टैक्स के अतिरिक्त 30% जुर्माना जमा करने पर नियमित कर दिया जायेगा. अगर वाहन एक साल से अधिक डिफाॅल्टर है, तो उसे बकाये टैक्स के अतिरिक्त 50% जुर्माना जमा करने पर माफी दी जायेगी. उस वाहन को निबंधित या नियमित कर दिया जायेगा. अगर फिटनेस के कारण डिफाॅल्टर हैं तो इसमें भी फीस घटा दी गयी है. प्रत्येक दिन के लिए 50 रुपये की अतिरिक्त फीस को घटा कर 90 दिनों के लिए दोपहिया एवं तिपहिया वाहन के लिए 10 रुपये प्रतिदिन, व्यावसायिक ट्रैक्टर के लिए 15 रुपये प्रतिदिन, छोटे चारपहिया परिवहन वाहन के लिए 20 रुपये प्रतिदिन और भारी व्यावसायिक वाहन या अन्य वाहन के लिए 30 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किया गया है.
यह योजना अधिसूचना जारी होने की तिथि से सिर्फ 90 दिनों के लिए ही प्रभावी होगी. इसका लाभ उन्हीं वाहन मालिकों को मिलेगा, जो अधिसूचना के बिहार गजट में प्रकाशन की तिथि तक फिटनेस फीस डिफाॅल्टर होंगे.
कैबिनेट के फैसले : 90 दिनों के अंदर एकमुश्त राशि जमा कर हो सकेंगे मुक्त
छह दिनों में मिलेगा जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र
पटना : राज्य सरकार ने जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र को लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम में शामिल कर लिया है. अब प्रखंड स्तर पर आवेदन करने के बाद छह दिनों ( कार्य दिवस ) में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र मिल जायेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की हुई बैठक में इसे मंजूरी दी गयी. बैठक में कुल सात एजेंडों पर मुहर लगायी गयी. राज्य में लोक सेवा अधिकार अधिनियम में शामिल सेवाओं की संख्या अब 62 हो गयी है.
बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव डाॅ दीपक प्रसाद ने बताया कि अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय (गृह विभाग) के इस प्रस्ताव को सहमति दी गयी है. उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति के जन्म होने के 30 दिनों से एक साल तक के अंदर आवेदन किया जाता है तो नामित अधिकारी प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी छह कार्य दिवसों में प्रमाणपत्र उपलब्ध करा देंगे. इसके अपीलीय पदाधिकारी जिला सांख्यिकी पदाधिकारी हैं. प्रथम अपील में 15 दिनों में सेवा उपलब्ध होगी. दूसरे अपीलीय जिला रजिस्टार हैं. वह भी 15 कार्य दिवसों में सेवा उपलब्ध करायेंगे.
इसी तरह से मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए एक वर्ष के अंदर के लिए प्रखंड सांख्यिकी पर्यवेक्षक इसके नामित पदाधिकारी हैं. वह छह कार्य दिवसों में प्रमाणपत्र उपलब्ध करायेंगे. इसके भी पहले अपीलीय पदाधिकारी जिला सांख्यिकी पदाधिकारी हैं. उनके स्तर पर भी 15 कार्य दिवसों में मामले का निबटारा किया जायेगा. पुनर्विलोकन प्राधिकार जिला रजिस्ट्रार हैं, जो 15 दिनों में मामले का निबटारा करेंगे.
जन्म के एक वर्ष के अधिक समय होने के बाद जन्म या मृत्यु के पंजीकरण व प्रमाणपत्र के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी नोडल पदाधिकारी हैं. इनको भी छह कार्य दिवसाें में कार्य निष्पादित करना है. इसी तरह से अपीलीय प्राधिकार जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार व पुनर्विलोकन पदाधिकारी जिला रजिस्ट्रार को बनाया गया है.
इसी तरह से किसी बच्चे का नाम एक साल के अंदर नाम जोड़ना है तो प्रखंड विकास पदाधिकारी तीन दिनों में यह काम करेंगे. एक वर्ष और 15 वर्षों के अंदर जन्म प्रमाणपत्र में नाम जोड़ना है तो उसके नोडल पदाधिकारी भी प्रखंड विकास पदाधिकारी भी होंगे और तीन कार्य दिवसों में उसका नाम दर्ज करेंगे.

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