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लालू से गले मिलने के बाद भी शरद को जदयू इस वजह से पार्टी से नहीं करेगी निष्कासित

पटना : बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में रविवार को आयोजित राजद की महारैली में मंच पर लालू यादव से गले मिलने के बाद शरद यादवकेखिलाफ जदयू की ओर से सख्त कार्रवाई को लेकर सियासी कयासबाजी तेज हो गयी है. पार्टी के बागी नेता शरद यादवकेइस कदमसेनाराज जदयू उन्हें राज्यसभा सदस्य के तौर […]

पटना : बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में रविवार को आयोजित राजद की महारैली में मंच पर लालू यादव से गले मिलने के बाद शरद यादवकेखिलाफ जदयू की ओर से सख्त कार्रवाई को लेकर सियासी कयासबाजी तेज हो गयी है. पार्टी के बागी नेता शरद यादवकेइस कदमसेनाराज जदयू उन्हें राज्यसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य करार देने की मांग करेगा. जदयू ने कहाहै कि लालू प्रसाद के राजद की ओर से आयोजित रैली में शिरकत करके शरद ने ‘स्वेच्छा’ से पार्टी की सदस्यता छोड़ी है. हालांकि इन सबके बीच जदयू सूत्रों की मानें तो पार्टी अपने संस्थापक सदस्य और सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे शरद को निष्कासित नहीं करेगी, क्योंकि इससे उन्हें अपनी राज्यसभा सदस्यता कायम रखने का मौका मिल जाएगा.

जदयू ने पत्र लिखकर शरद को दी थी चेतावनी
जदयू राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिख कर अपने बागी नेता शरद यादव को सदन की सदस्यता से अयोग्य करार देने की मांग करेगा. शरद ने पार्टी के निर्देशों को धता बताते हुए रविवार को पटना में विपक्ष की ओर से आयोजित एक रैली में हिस्सा लिया. जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा, दल-बदल से जुड़े मामलों से संबंधित संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर किसी अन्य पार्टी की रैली में शिरकत करता है तो यह माना जाता है कि उसने स्वेच्छा से अपनी मूल पार्टी की सदस्यता छोड़ी है. केसी त्यागी ने पिछले दिनों शरद को एक पत्र लिखकर चेताया था कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की ओर से आयोजित रैली में उनकी शिरकत का मतलब यह होगा कि उन्होंने पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ काम किया है और स्वेच्छा से सदस्यता छोड़ रहे हैं.

शरद का कार्यकाल 2022 में होगा पूरा
शरदयादव को पिछले साल राज्यसभा के लिए चुना गया था और उनका कार्यकाल 2022 में पूरा होगा. केसी त्यागी ने कहा कि पूर्व सांसद कैप्टन जय नारायण निषाद और उपेंद्र कुशवाहा की सदस्यता इसी तरह खत्म हुई थी. उन्होंने कहा कि पार्टी जल्द ही राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से संपर्क कर शरदयादव को अयोग्य करार देने की मांग करेगी. उन्होंने कहा, हम उन्हें हर चीज बताएंगे और कहेंगे कि शरद यादव की सदस्यता खत्म करने का यह फिट मामला है.

इस वजह से नाराज चल रहे है शरद
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन, जिसमें राजद, जदयू और कांग्रेस शामिल थे, से नाता तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बना लेने से शरद नाराज हैं और उन्होंने खुलकर बगावती तेवर अपना लिए हैं. कुछ दिन पहले जदयू ने शरद को राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटाकर उनकी जगह नीतीश के करीबी आरसीपी सिंह को नियुक्त कर दिया था.

लालू से गले मिलने के बाद शरद बोले, मेरी छाया ने छोड़ दिया साथ
राजद की महारैली में शामिल होने के मंच पर पहुंचे शरद यादवकास्वागत करते हुए लालू प्रसाद ने उन्हें गले लगाया था. इसके साथ ही शरद यादव ने मंच से अपने संबोधन के दौरान देशभर में एक बड़ा गठबंधन बनाने का संकेत दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन को बहुमत मिला था, लेकिन 11 करोड़ की आबादी के विश्वास को तोड़ा गया है. इससे मेरे मन में चोट पहुंची है.

शरद यादव ने कहा कि आज राजनीति में विकट परिस्थित हो गयी है. सालों से जिनके साथ था, जिंदगी ऐसी दोराहे पर आ गयी है कि उनकी छाया भी बगावत कर गयी है और साथ छोड़ गयी है. मुझसे कहा गया कि रुकिए, बोलिए नहीं, लेकिन सच बात तो रुकती नहीं. मैंने सांसद बनाये, कई मुख्यमंत्री बनाये, कभी भी राज की इच्छा नहीं की. किसान और गरीब के साथ रहा हूं. कभी भी पीछे हटने का काम नहीं किया है और न ही आगे पीछे हटूंगा. आज जो हाथ थामने की कोशिश कर रहे हैं, पहले उनकी भी खिदमत की है, लेकिन जनता सर्वोपरी है. संविधान का इंजन वोट और ईमान होता है.

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