पटना स्थित सवेरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक 56 साल की महिला की जटिल और दुर्लभ सर्जरी कर जान बचा ली. वह गॉलब्लैडर के कैंसर से ग्रसित थी. खगौल की रीता देवी (बदला हुआ नाम) लंबे समय से पेट ऊपरी हिस्से में दर्द, मितली, भूख में कमी और वजन घटने की समस्या से परेशान थी. जब स्थिति गंभीर हुई तो परिजन अस्पताल लाए, जहां जांच में गॉलब्लैडर कैंसर (स्टेज-3) का पता चला.

महिला की ऐसे बची जान
ऐसे में वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. वी. पी. सिंह के नेतृत्व में महिला की सफलतापूर्वक सर्जरी कर जान बचाई गई. टीम में उनके साथ डॉ. आकाश कुमार सिंह, डॉ. राहुल चौधरी, डॉ. विशाल मोहनसिंह औऱ डॉ. अजित कुमार ने अत्याधुनिक तकनीक के उपोयग से 6 घंटे में सफल सर्जरी की. सर्जरी के दौरान गॉलब्लैडर के साथ लिवर का दाहिना हिस्सा भी हटाया गया. महिला अब बिल्कुल स्वस्थ है और घर लौट चुकी है। उसे तीन चरणों में कीमोथेरेपी दी जा चुकी है.

बिहार में तेजी से फैल रहा गॉलब्लैडर कैंसर: डॉ. सिंह
डॉ. वी. पी. सिंह ने बताया कि गॉलब्लैडर कैंसर उत्तर भारत और बिहार में तेजी से फैल रहा है. इसका सबसे खतरनाक पहलू यह है कि इसके शुरुआती लक्षण बेहद सामान्य लगते हैं, जिसे लोग नजरअंदाज कर देते हैं. पेट में दर्द रहने पर अक्सर हम इसे गैस समझ लेते हैं. लेकिन लंबे समय तक पेट में दर्द होना गॉलब्लैडर कैंसर का संकेत हो सकता है.
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गॉलब्लैडर कैंसर का ये होता है लक्षण
उन्होंने बताया कि अगर पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में लगातार दर्द, त्वचा या आंखों में पीलापन (पीलिया), भूख में कमी और तेजी से वजन घटना, पाचन में गड़बड़ी, लगातार मितली या उल्टी आए तो तुरंत किसी डॉक्टर से परामर्श लें. ससमय इलाज से इस कैंसर को मात दी जा सकती है.