मधुबनी : बिहार सरकार द्वारा चलाये जा रहे पशु सुरक्षा कार्यक्रम वैक्सीन के कमी के कारण महज दो दिन बाद ही बंद हो गया है. 15 सितंबर को पशु पखवाड़ा के अवसर पर जिले के दो प्रखंड में यह कार्यक्रम शुरू किया गया था. जिसमें पंडौल एवं विस्फी प्रखंड शामिल है. पर दो दिन बाद ही इस कार्यक्रम को बंद कर दिया गया.
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दवा के अभाव में बंद हो गया कार्यक्रम
मधुबनी : बिहार सरकार द्वारा चलाये जा रहे पशु सुरक्षा कार्यक्रम वैक्सीन के कमी के कारण महज दो दिन बाद ही बंद हो गया है. 15 सितंबर को पशु पखवाड़ा के अवसर पर जिले के दो प्रखंड में यह कार्यक्रम शुरू किया गया था. जिसमें पंडौल एवं विस्फी प्रखंड शामिल है. पर दो दिन बाद […]
आवश्यकता से कम मिला वैक्सीन पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिला में पांच लाख 40 हजार पशुओं की संख्या है. जिसे एफएमडी सीपी का टीकाकरण करना है. उक्त टीकाकरण से पशुओं में मुंहपक्का एवं खंगा रोग नहीं होता है. इस रोग से बचाने के लिये जिले को 5.4 लाख वैक्सीन की जरूरत थी.
पर विभाग के द्वारा जिले को मात्र 26400 वैक्सीन ही उपलब्ध करायी जा सकी. पंडौल प्रखंड में 40 हजार पशु की संख्या है. 40 हजार पशु के लिए 6600 वैक्सीन दिया गया. जबकि विस्फी प्रखंड में लगभग 55 हजार पशुओं की संख्या है. वहां पर 19800 वैक्सीन दिया गया. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पंडौल प्रखंड में रविवार तक सिर्फ 300 वैक्सीन बचा था. जबकि विस्फी में भी वैक्सीन की कमी हो गया है. मोबाइल निरीक्षक मनोज कुमार टोनी बताया कि अगर दवा भरपूर मात्रा में होता तो एक साथ टीकाकरण का काम शुरू किया जा सकता था.
नहीं हो रहा टीकाकरण
इस बाबत जिला पशुपालन पदाधिकारी डाॅ शशिकांत प्रसाद ने बताया कि दवा के अभाव के कारण एक साथ सभी प्रखंडों में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं किया गया. जैसे-जैसे दवा आयेगा वैसे-वैसे काम को बढ़ाया जायेगा.
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