मधुबनी : ये हैं भाई छेदीराम! चुनाव आते ही अपने पुराने अंदाज में एक बार फिर दिखने लगे हैं. साइकिल के आगे अपने नाम का पोस्टर, साइकिल के पीछे अपने नाम का पोस्टर लगाये फिर इनके घूमने का सिलसिला शुरू हो गया है. छेदी राम भले ही किसी पद पर चुनाव ना जीत पाये होंं पर इनके क्षेत्र की जनता को परिचय की आवश्यकता नहीं होती.
इन्हें भी अपना परिचय देने की अब आवश्यकता नहीं पड़ती. दूर से ही लोग समझ जाते हैं कि छेदी राम फिर वोट मांगने निकल पड़े हैं. दरअसल विगत पांच सालों में ये हर चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं. चाहे वो वर्ष 2010 का पंचायत चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव, विधान पार्षद का चुनाव हो या विधानसभा चुनाव.
सभी चुनाव में मैदान में अन्य प्रत्याशियों के साथ दो दो हाथ करने चुनावी अखाड़े में कूद जाते हैं. सफेद कुर्ता पायजामा पहने, अपने पुराने साइकिल पर आगे पीछे अपने नाम व चुनाव चिह्न का बैनर लगा चुनाव प्रचार में निकल जाते हैं. इस पंचायत चुनाव में एक बार फिर पंडौल से जिला परिषद सदस्य के पद पर नामांकन करा चुनावी मैदान में उतर गये हैं.