फोटो – कैंपस 14 कैप्शन- शोधार्थी डा ब्रजेश कुमार सिंह मधेपुरा. बीएनएमयू के शोध इतिहास में जंतु विज्ञान विभाग के शोधार्थी डॉ ब्रजेश कुमार सिंह ने कम्यूनिटी बेस्ड सरविलेंस ऑफ विसरल लेसमेनिएसी इन द डिस्ट्रक्टि ऑफ द मधेपुरा बिहार पर पहला शोध करने का गौरव प्राप्त किया है. यूजीसी के शोध गंगा साइट पर प्रकाशित सूची में डॉ ब्रजेश ने अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है. डॉ नरेंद्र श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में डॉ ब्रजेश ने यह सफलता हासिल की है. बताया जाता है कि बिहार के जेपी विवि छपरा से एक थीसीस, पटना विवि से तीन थीसिस व मगध विवि से मात्र दो थेसिस ही यूजीसी की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है. गौरतलब है कि यूजीसी के अधिनियम 9 के तहत प्रोफेसर नियुक्ति हेतु कई शोधार्थियों ने उच्च न्यायालय में नेट परीक्षा से मुक्त होने के लिए वाद भी दायर किया है. जबकि नेट परीक्षा से मुक्त होने के लिए थेसिस पब्लिकेसन अहम है. जिसमें राज्य के केवल सात शोधार्थी का थेसिस यूजीसी के वेबसाइट पर दिख रहा है. उधर, बीएनएमयू से कम्यूनिटी बेस्ड सरभेलेंस ऑफ विसरल लेसमेनिएसी इन द डिस्ट्रीक्ट ऑफ द मधेपुरा बिहार पर पहला शोध करते हुए अपना थेसिस यूजीसी के वेबसाइट पर प्रकाशित कराने पर डा ब्रजेश को छात्र नेता राहुल कुमार, हर्ष वर्द्धन सिंह राठौर, श्रीकांत राय, संजय कुमार, गौरव कुमार, मुन्ना यादव, गजेंद्र कुमार सहित विवि के अधिकारी व कर्मियों ने बधाई दी है.
ब्रजेश ने पहला शोध प्रकाशित कराने का प्राप्त किया गौरव
फोटो – कैंपस 14 कैप्शन- शोधार्थी डा ब्रजेश कुमार सिंह मधेपुरा. बीएनएमयू के शोध इतिहास में जंतु विज्ञान विभाग के शोधार्थी डॉ ब्रजेश कुमार सिंह ने कम्यूनिटी बेस्ड सरविलेंस ऑफ विसरल लेसमेनिएसी इन द डिस्ट्रक्टि ऑफ द मधेपुरा बिहार पर पहला शोध करने का गौरव प्राप्त किया है. यूजीसी के शोध गंगा साइट पर प्रकाशित […]
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