ठाकुरगंज : सिलीगुड़ी बागडोगरा-नक्सलबाड़ी, अधिकारी व ठाकुरगंज होकर कोलकाता की ओर जाने वाली ट्रेनों के परिचालन की पहल प्रारंभ हो गयी है. सीमावर्ती दार्जलिंग सांसद राजू विष्ठा ने इस मामले में रेल मंत्री को पत्र लिखकर इस संबंध में कार्रवाई की मांग की है.
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दार्जिलिंग सांसद ने पत्र लिख अलुआबाड़ी होकर ट्रेन परिचालन की मांग की
ठाकुरगंज : सिलीगुड़ी बागडोगरा-नक्सलबाड़ी, अधिकारी व ठाकुरगंज होकर कोलकाता की ओर जाने वाली ट्रेनों के परिचालन की पहल प्रारंभ हो गयी है. सीमावर्ती दार्जलिंग सांसद राजू विष्ठा ने इस मामले में रेल मंत्री को पत्र लिखकर इस संबंध में कार्रवाई की मांग की है. अपने पत्र में ठाकुरगंज रेल यात्री समिति के मांग पत्र के […]
अपने पत्र में ठाकुरगंज रेल यात्री समिति के मांग पत्र के हवाले से सिलीगुड़ी – बागडोगरा – नक्सलबाड़ी -अधिकारी – ठाकुरगंज – अलुआबाड़ी होकर कई ट्रेनों के डायवर्सन की मांग की है. वहीं रेल यात्री समिति ने इस पत्र के लिए दार्जलिंग सांसद राजू विष्ठा को साधुवाद दिया है.
छह वर्ष पुरानी है मांग रेल यात्री समिति के संयोजक सिकंदर पटेल ने बताया कि रेलवे से जुड़ी यह मांगे छह वर्ष पुरानी है. इस बाबत वर्ष 2011 से ही कई आंदोलन, अनशन, धरना, प्रदर्शन आदि लोकतांत्रिक विरोध हुए, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला.उन्होंने कहा की अंततः विरोध प्रदर्शन के अंतिम पायदान के रूप में आमरण अनशन करने का निर्णय लिया गया था.
वही समिति के सचिव अरविंद अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया के आश्वासन पर हम लोगो ने अनशन तोड़ा और दूसरे दिन से ही उन्होंने इस होकर लंबी दूरी की ट्रेनों के परिचालन के लिए प्रयास शुरू कर दिया जिसके बाद उनकी ही पहल पर कैपिटल एक्सप्रेस तथा कंचनकन्या एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन ठाकुरगंज होकर चलाने को लेकर रेलवे बोर्ड ने सक्रियता दिखाई थी लेकिन फिर चुप्पी साध ली है जिसके बाद वर्तमान दार्जलिंग सांसद के प्रयास से हमें फिर उम्मीद जगी है.
कैपिटल और कंचन कन्या का परिचालन ठाकुरगंज होकर करवाने के लिए यात्री समिति ने दिये थे कई तर्क
पटना के लिए कैपिटल और कोलकत्ता के लिए कंचन कन्या का परिचालन ठाकुरगंज होकर हो इसके लिए ठाकुरगंज रेल यात्री समिति ने कई तर्क केंद्रीय मंत्री आहलुवालिया को दिये थे. इस बाबत रेल यात्री समिति के सचिव अरविंद अग्रवाल ने बताया की वर्तमान में रेलवे द्वारा दो जोड़ी कैपिटल एक्सप्रेस ट्रेने चलायी जाती है.
ट्रेन 13247/48 कामाख्या-राजेंद्रनगर कैपिटल एक्सप्रेस तथा 13245/46 कैपिटल एक्सप्रेस कटिहार रेल डिवीजन के स्टेशनों से पटना जाने की सबसे प्रमुख ट्रेन है. कटिहार रेल डिवीजन के 10 स्टेशनों पर पूर्व से इस ट्रेन का ठहराव है.
कटिहार रेल डिवीजन के न्यूजलपाईगुड़ी, किशनगंज, दालखोला, बारसोई और कटिहार जैसे राजस्व देने वाले स्टेशनों पर ठहराव के अतिरिक्त मात्र 7 से 10 किमी के अंतरालो पर तेलता, सुधानी, खुरियाल, आजमनगर और लाभा जैसे छोटे स्टेशनों पर भी इस ट्रेन का ठहराव है. वही राजेंद्रनगर-कामाख्या कैपिटल एक्सप्रेस ट्रेन का न्यूजलपाईगुड़ी से सिलीगुड़ी स्टेशन के बीच 1 घंटे का अतिरिक्त समय (लूज़ टाइम) है.
यह ट्रेन न्यूजलपाईगुड़ी से सिलीगुड़ी जंक्शन के बीच की 7 किमी की दूरी 1 घंटे 10 मिनट में वही सेमापुर से कटिहार के बीच 11 किमी की दूरी 45 मिनट में पूरी करती है. इसी प्रकार इस ट्रेन को कुछ अन्य स्टेशनों के बीच भी 40 मिनटों तक का अतिरिक्त समय दिया गया है. इन्हीं तथ्यों के आधार पर कैपिटल एक्सप्रेस ट्रेन को ठाकुरगंज के रास्ते डायवर्ट करने की पुरजोर मांग रखते हुए ठाकुरगंज रेल यात्री समिति ने दावा किया की ठाकुरगंज में इस ट्रेन के ठहराव से इसकी पंक्चुअलिटी में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
वही इसी प्रकार 13149/50 अलीपुरद्वार- सियालदाह कंचनकन्या एक्सप्रेस को भी इसी पैटर्न पर अतिरिक्त समय के साथ चलने की बात समिति सदस्यों द्वारा कही गयी और कहा गया इस ठहराव से किशनगंज जिले का ठाकुरगंज, दिघलबैंक और पोठिया प्रखंड सीधे प्रदेश की राजधानी पटना और सिटी ऑफ जॉय के नाम के मशहूर कोलकाता से जुड़ जायेगा.
आम लोगों ने दिया साधुवाद
ठाकुरगंज रेल यात्इरी समिति के आंदोलन को रेलमंत्री तक पहुंचाने के लिए दार्जलिंग सांसद राजू विष्ठा को बड़ी संख्या में लोगों ने बधाई दी है. बधाई देने वालों में से नगर मुख्य पार्षद देवकी अग्रवाल, पूर्व मुख्य पार्षद नवीन यादव, उप मुख्य पार्षद प्रमोद राज चौधरी, मुखिया सैदुररहमान, अहमद हुसैन, प्रमुख प्रतिनिधि अब्दुल बारी, भाजयुमो नेता अमित सिन्हा, अमरजीत चौधरी, अरुण सिंह, शिवशंकर महतो, कन्हैया महतो, बिट्टू गरोडिया, अनिल साह, गणेश राय, निरंजन कुमार आदि लोग शामिल है.
क्या है मामला
पिछले छह वर्ष पूर्व अस्तित्व में आये सिलीगुड़ी जंक्शन-बागडोगरा-ठाकुरगंज-अलुआबाड़ी रोड रेलखंड रेलवे और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का दंश झेल रहा था. इस रेल खंड के अमान परिवर्तन में रेलवे द्वारा 484 करोड़ रुपये खर्च किया गया था.बावजूद इसके अब तक एक भी लंबी दूरी की रोजाना चलने वाली ट्रेन का ठहराव इस रेलखंड पर बसने वाली आबादी को उपलब्ध नहीं हो सकी था.
जिसके बाद आम आदमी का गुस्सा भड़क उठा और ठाकुरगंज रेल यात्री समिति के बैनर तले रेलवे के खिलाफ लंबी लड़ाई का एलान किया गया और 9 लोग 16 जनवरी से ठाकुरगंज स्टेशन पर आमरण अनशन पर बैठ गये.
ठाकुरगंज स्टेशन परिसर पर चले आमरण अनशन को मिल रहे जन समर्थन के बाद भारी दबाव के बीच रेलवे प्रशासन ने आनन-फानन में चेन्नई एक्सप्रेस एवं पहाड़िया एक्सप्रेस का ठहराव ट्रायल बेसिस पर तत्काल प्रभाव से देना आरंभ किया. और कई ट्रेनों के डाइवर्ट करने का आश्वासन दिया लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने आंदोलन समाप्त होते ही पुन चुप्पी साध ली.
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