जहानाबाद : नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी का नेता देव कुमार उर्फ अरविंद जी उर्फ प्रशांत जी उर्फ विकास जी उर्फ आशीष उर्फ सुजीत सिंह उर्फ अरुण जी उर्फ नेताजी उर्फ बाबा बिहार के अलावे झारखंड, छत्तीसगढ़ और बंगाल के नक्सल प्रभावी क्षेत्रों में रहकर नक्सली आंदोलनों को अंजाम दिया करता था. अरविंद जी का पैतृक घर जहानाबाद के कड़ौना ओपी अंतर्गत सुकूलचक गांव है. वह विगत 20 वर्षों से बिहार से बाहर दूसरे राज्यों में सक्रिय रहा है.
पुलिस फाइलों में उस पर विध्वसंक कार्रवाई करते हुए लेवी और रंगदारी वसूलने एवं हथियारों के तस्करी करने के कई आरोप हैं. कई राज्यों के विभिन्न थानों में उसके विरुद्ध 46 उग्रवादी मामले दर्ज हैं, जिसमें 30 मामले बिहार के बाहर झारखंड व अन्य राज्यों के थानों में दर्ज हैं. सभी मामलों में हत्या, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट, रंगदारी, विस्फोटक अधिनियम सहित 17 सीएलए एक्ट की धाराएं हैं. वह सभी 46 मामलों में फरार था. सरकार ने उस पर एक करोड़ का इनाम भी रखा था. बुधवार को झारखंड के इलाके में हर्ट अटैक से उसकी मौत की खबर के बाद गुरुवार को जहानाबाद और अरवल जिले में दिन भर चर्चाएं होती रही. 1970 के दशक में उसने नक्सली संगठन पार्टी यूनिटी का गठन किया था.
बाद में एमसीसी के साथ मिल जाने के बाद भाकपा माओवादी संगठन का गठन हुआ, जिसका वह केंद्रीय स्तर का नेता बन था. वह नक्सलियों के मेंटर के रूप में काम करता था. देवकुमार उर्फ अरविंद जी के पिता का नाम स्व रामनारायण सिंह और माता का नाम स्व अजनसिया देवी था. पुलिस फाइलों में दर्ज 62 वर्षीय देवकुमार की शादी सिकरिया निवासी प्रभावती देवी के साथ हुई थी. सिकरिया 1980-2000 के दशक में लाल इलाके के नाम से जाना जाता था. पुलिस के पास देवकुमार के परिवार का पूरा ब्योरा उपलब्ध है. उसके दो पुत्र प्रिंस और पिंटू है. एक बेटा इंजीनियर है तो दूसरा कोचिंग संचालक. पांच फीट सात इंच लंबा देवकुमार को बीड़ी पीने का शौक था.