गोपालगंज. शहर की महादलित बस्ती में बुधवार को चेचक से पीड़ित एक युवक की इलाज के अभाव में मौत हो गयी, वहीं 20 से ज्यादा बच्चे बीमार हैं. हजियापुर मुसहर टोली के ग्रामीण अंधविश्वास में आकर माताजी मानकर इलाज कराने के बजाय पूजा कर रहे हैं. वहीं, सूचना पाकर डायल-112 पुलिस जब महादलित बस्ती में पहुंची तो ग्रामीणों ने पुलिस से नोक-झोंक कर ली. मृतक का नाम मुकेश मांझी है, जो हजियापुर महादलित बस्ती के वार्ड संख्या आठ का निवासी था.
पत्नी ने लगाया इलाज नहीं कराने का आरोप
मृतक की पत्नी पूनम देवी का आरोप था कि उसके पति चेचक से बीमार हुए, तो उनका इलाज नहीं कराया गया. पूनम बच्चों को लेकर आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण पालन-पोषण के लिए अपनी मायके में रहती थी. इधर, पांच दिनों से बीमार मुकेश मांझी को समय पर इलाज नहीं मिल सका, जिससे उसकी मौत हो गयी. पुलिस का कहना है कि बुधवार को पहली बार परिजन सदर अस्पताल में लेकर गये, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. वहीं, चेचक से बीमार बच्चों में कई एक ही परिवार के हैं, जिनमें तीन से चार एक ही परिवार के बीमार हैं. इनमें प्रमुख रूप से अभिषेक कुमार, इनके पिता झंडू मांझी, राजन मांझी और इनकी पुत्री, प्रिंस मांझी और धनोज मांझी आदि शामिल हैं. महादलित बस्ती का मुशहर टोली नगर परिषद के क्षेत्र में आता है और इसी इलाके के रहनेवाले नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी भी हैं, बावजूद साफ-सफाई नहीं होने के कारण इस बस्ती में चेचक का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है.
डायल-112 को मिली थी हत्या होने की सूचना
घटनास्थल पर पहुंची डायल-112 पुलिस का कहना है कि उन्हें मृतक मुकेश मांझी की ससुराल के लोगों ने हत्या होने और शव को आनन-फानन में दफनाने की शिकायत की. डायल-112 पुलिस पहुंची तो शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने और बीमार अन्य बच्चों का इलाज करने के लिए अस्पताल लेकर जाने की बात कही. पुलिस की इतनी बात सुनते ही महादलित बस्ती के ग्रामीण आग-बबूला हो गये और माताजी के शरीर पर निकलने और इसका इलाज नहीं कराने की नोक-झोंक करने लगे.
देवी का प्रकोप समझ कर नहीं करा रहे इलाज
चेचक को लेकर आज भी ग्रामीण आस्था और अंध विश्वास के बीच अटके हैं. लोग इस बीमारी को देवी प्रकोप समझते रहे हैं. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ शशि रंजन प्रसाद कहते हैं कि आज भी लोग इस बीमारी को देवी की प्रकोप समझ कर घर के दरवाजे के पास आग जलाते हैं. नीम का पत्ता दरवाजे पर लगाते हैं. कोई भी दवा नहीं इस्तेमाल करना चाहते, जिसके कारण गांव में इस बीमारी का इलाज करना थोड़ा कठिन होता है, पर मेडिकल टीम के द्वारा जहां भी केस मिल रहे हैं, वहां के लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि इस बीमारी से किसी की जान न जाये.
चेचक से बचाव के उपाय
डॉक्टरों के मुताबिक किसी भी तरह का चेचक रोग होने का सबसे प्रमुख कारण शरीर में दूषित द्रव्य का जमा हो जाना है. यह एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को भी हो जाता है. यह रोग गंदगी तथा गंदे पदार्थों का सेवन करने से होता है.
शरीर व कपड़ों को रखें साफ : डॉ विकास
स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विकास गुप्ता के मुताबिक चेचक संक्रामक बीमारी है़ इससे डरने की जरूरत नहीं है़ यह किसी देवी-देवता के प्रकोप का भी प्रभाव नहीं है़ शरीर व कपड़ों को साफ-सुथरा रखें, घरों को भी साफ रखें. किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर तुरंत अस्पताल से संपर्क करें.क्या कहते हैं सिविल सर्जन
गोपालगंज के हजियापुर मुशहर टोली में चेचक की सूचना मिली है. मेडिकल टीम गठित कर भेजी जा रही है. रोगियों की जांच कर दवा दी जायेगी. स्वास्थ्य विभाग बीमारी की किसी भी स्थिति से निबटने को तैयार हैं.डॉ बीरेंद्र प्रसाद, सिविल सर्जन, गोपालगंज
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