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बढ़ते पारे के कारण बढ़े डप्रिेशन के मरीज

बढ़ते पारे के कारण बढ़े डिप्रेशन के मरीज मानसिक रोग विभाग में मरीज की आमद बढ़ी40 से अधिक उम्र के लोग ज्यादा प्रभावितगोपालगंज. ठंड से मौसम में अगर आपका मन उदास है या फिर रोजमर्रे के काम में आपका मन नहीं लग रहा है, तो हो जाएं सावधान. आप डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं. […]

बढ़ते पारे के कारण बढ़े डिप्रेशन के मरीज मानसिक रोग विभाग में मरीज की आमद बढ़ी40 से अधिक उम्र के लोग ज्यादा प्रभावितगोपालगंज. ठंड से मौसम में अगर आपका मन उदास है या फिर रोजमर्रे के काम में आपका मन नहीं लग रहा है, तो हो जाएं सावधान. आप डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं. ठंड बढ़ने के साथ ही इस बीमारी के मरीज तीन गुना बढ़ गये हैं. सर्दी के मौसम में तेजी से गिर रहा पारा प्रौढ़ व वृद्ध लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. लुढ़कते पारे के कारण 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग तेजी से अवसाद (डिप्रेशन) के शिकार हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े इसी ओर इशारा कर रहे हैं. जाड़े के मौसम में सूर्य की रोशनी कम मिलती है. ऐसे में मस्तिष्क के अंदर न्यूरोट्रांसमीटर का उत्पादन कम होने लगता है. इसे सीजनल अफेक्टिव डिस्ऑर्डर कहते हैं. इस बीमारी के मरीजों में 175 फीसदी महिलाएं होती हैं. सर्दियों में बढ़ जाते हैं बीपी के मरीजठंड का रक्तचाप (बीपी) की बामारी से सीधा संबंध है. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ शंभुनाथ सिंह ने बताया कि पारा गिरते ही शरीर की धमनियां सिकुड़ जाती हैं. इसे ही रक्तचाप कहते हैं. बीपी के कम या अधिक होने का असर आंख, दिल, दिमाग और गुर्दे पर पड़ता है. यही वजह है कि ठंड में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं. मरीज को ठंड में माॅर्निंग वॉक से परहेज करना चाहिए. वहीं हल्क धूप होने पर ही बाहर निकलें. खाने में घी, तेल व चिकनी चीजों का प्रयोग कम प्रयोग करें. बीपी की समय-समय पर जांच कराएं. क्या है लक्षणइस बीमारी के शिकार व्यक्ति के जेहन में खुदकुशी करने तक का भाव आता है. हीन भावना आ जाती है. मन उदास रहता है. उसका मन किसी कार्य मे नहीं लगता है. भूख कम लगती है.क्या है निदानअवसाद के शिकार मरीजों को रोजना धूप में एक से दो घंटा जरूर बैठना चाहिए. इसके अलावा कृत्रिम सूर्य की रोशनी के लिए कुछ यंत्र भी है. इसके साथ ही ऐसे मरीजों को डॉक्टर की सलाह से अवसाद की दवाएं जरूर दिलानी चाहिए.

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