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दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान था उड़ने लायक, अच्छी तरह भर रहा था उडान : बीएसएफ

दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान था उड़ने लायक, अच्छी तरह भर रहा था उडान : बीएसएफ नयी दिल्ली़ बीएसएफ ने कल दुर्घटना का शिकार बने अपने विमान में संभावित खामी होने की बात को खारिज करते हुए आज कहा कि कल दुर्घटनाग्रस्त हुआ उसका सुपरकिंग विमान पूरी तरह से ‘उड़ने योग्य’ था और वह ‘अच्छी तरह उड़ान […]

दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान था उड़ने लायक, अच्छी तरह भर रहा था उडान : बीएसएफ नयी दिल्ली़ बीएसएफ ने कल दुर्घटना का शिकार बने अपने विमान में संभावित खामी होने की बात को खारिज करते हुए आज कहा कि कल दुर्घटनाग्रस्त हुआ उसका सुपरकिंग विमान पूरी तरह से ‘उड़ने योग्य’ था और वह ‘अच्छी तरह उड़ान भर’ रहा था. इस विमान दुर्घटना में बीएसएफ के 10 बेहद अनुभवी कर्मी मारे गए थे. बीएसएफ के महानिदेशक डी के पाठक ने बताया िक यह विमान 20 साल पुराना था और उड्डयन के क्षेत्र में किसी विमान का जीवनकाल 40-45 साल का होता है. उड्डयन क्षेत्र में ऐसे विमान को पुराना नहीं माना जाता क्योंकि इसके विभिन्न हिस्सों को समय-समय पर बदला जाता रहता है. ईंजनों की मरम्मत की जाती है. छह माह पहले इस विमान के ईंजनों की एक बड़ी मरम्मत कनाडा स्थित बीचक्राफ्ट फैक्टरी में की गई थी. दो दिन पहले ही इस विमान ने बहुत अच्छी ड्यूटी की थी और एक ही दिन पहले यह अधिकारियों को भुज :डीजी:आईजी बैठक ्र: से वापस लेकर आया था. उन्होंने कहा, ‘‘विमान में कोई समस्या नहीं थी और वह पूरी तरह से उड़ने में सक्षम था. मैं कहना चाहूंगा कि जब तक कोई विमान उड़ाए जाने के योग्य होता है तब तक उसे उड़ाने में कोई समस्या नहीं होती.’ पाठक कल हुई दुर्घटना में मारे गए 10 कर्मियों के पार्थिव शरीरों पर पुष्पचक्र चढ़ाकर औपचारिक श्रद्धांजलि देने के बाद सफदरजंग हवाईअड्डे पर बोल रहे थे. पाठक ने कहा कि इस विमान दुर्घटना की जांच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय :डीजीसीए: द्वारा की जा रही है और इस दुर्घटना के संभावित कारणों के कयास लगाना अभी ‘जल्दबाजी’ होगी. सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख ने कहा कि वीटी-बीएसए के रूप में पंजीकृत विमान बी-200 एक सप्ताह में लगभग तीन से चार दिन के लिए उड़ रहा था. जैसा कि मैंने कहा कि यह विमान अच्छी तरह उड़ रहा था. वह एक सप्ताह में तीन से चार दिन उड़ता रहा था और कोई भी समस्या नहीं थी. जब भी ऐसी किसी खामी की जानकारी मिलती है तो उसे तुरंत देखा जाता है और जब तक तकनीशियन इसकोे उड़ने लायक होने के लिए प्रमाणित न कर दें, तब तक विमान को उड़ाया नहीं जाता. उन्होंने कहा कि विमान में बोझ की मात्रा उचित ही थी. उन्होंने उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि दुर्घटना के पीछे अतिरिक्त वजन एक कारण रहा क्योंकि कुछ लोगों को अंत समय पर इसमें सवार होने के लिए कहा गया था. इस विमान में 11 लोगों को बैठाने की क्षमता है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि अंत समय पर भी यात्रा कर रहे यात्रियों की सूची में बदलाव हुआ हो तो भी कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि यह तब भी पहले से निर्धारित और अधिकृत वजन ही ले जा रहा था. इसलिए इसमें कोई भी अतिरिक्त वजन नहीं था. यदि संख्या बढ़ भी गई हो, तब भी ऐसा कुछ नहीं था. यह बेकार की बात है. बी-200 अपनी क्षमता के अनुरूप ही वजन ले जा रहा था. पाठक ने उन खबरों को खारिज कर दिया जिनमें संकेत दिया गया है कि पायलट ने उड़ान भरने से पहले मशीन के बारे में कुछ आपत्ति जताई थी लेकिन ग्राउंड स्टाफ ने उन्हें खारिज कर दिया था. डीजी ने कहा कि इन शहीदों के परिवारों को सरकारी कोष से 10 लाख रुपये और बीएसएफ के कोष से 20,78,000 रुपये की सहायता दी जाएगी. रीजीजू ने कहा कि दुर्घटना का शिकार हुए विमान को ‘पुराना’ कहना सही नहीं होगा. मेरा मानना है कि यह कहना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह पुराना नहीं था. यह 20 साल पूरे कर चुका था और इसे नया जीवन मिला था. मैंने भी इसमें यात्रा की है और यह मंत्रियों तथा महानिदेशक स्तर के अधिकारियों की यात्रा के लिए है. यह पूरी तरह उड़ान भरने योग्य था. हमें पता नहीं कि कल विमान :बीएसएफ सीकिंग बी-200: के साथ क्या गलत हुआ लेकिन जांच चल रही है. इस अवसर पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह और गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू और हरिभाई पार्थीभाई चौधरी भी मौजूद थे. पाठक ने कहा कि दिल्ली के द्वारका इलाके में जो हुआ, वह सीमा पर सुरक्षा संभालने वाले देश के सबसे बडे बल के लिए बडे झटके की बात है जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के विशेष वायु प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. उन्होंने कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से भयावह घटना थी. कोई इस बात से इनकार नहीं कर रहा कि यह कई तरीके से हमारे लिए बड नुकसान है.” पाठक ने कहा, ‘‘पहली बात तो हमने पायलटों और चालक दल के सदस्यों को खो दिया और एक बार में हेलीकॉप्टरों के इतने तकनीकी कर्मचारियों को खो दिया जो हमारे लिए बडा झटका है.” बीएसएफ महानिदेशक ने कहा कि बल दुर्घटना में जान गंवाने वाले कर्मियों के परिवारों के साथ खडा रहेगा. उन्होंने कहा, ‘‘बीएसएफ समुदाय के किसी भी परिजन की मौत सेे हमें दुख होता है. इससे हमें पीडा होती है. हम संकट की इस घडी में उनके साथ हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘यह जांच का विषय है और मेरे लिए कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन हमें जो भी थोडा कुछ पता चला है, मैं कह सकता हूं कि आप जो कुछ कह रहे हैं, सही नहीं है. लेकिन फिर भी यह जांच का विषय है और जो कुछ भी है, जांच के दौरान सामने आएगा।” पाठक ने कहा कि बीएसएफ के वायु प्रकोष्ठ ने उडान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा हरसंभव प्रयास किये हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमें दुर्घटना के कारण जानने होंगे। मैं कह सकता हूं कि विमान की सुरक्षा बनाये रखने के लिए कोई कसर नहीं छोडी गयी। विमान नियमन के सुरक्षा मानकों से कोई समझौता नहीं किया गया। बिल्कुल भी नहीं।” बीएसएफ प्रमुख ने कहा कि इस विशेष प्रकोष्ठ के लिए धन की कोई कमी नहीं है. पाठक ने कहा, ‘‘रखरखाव एक सतत प्रक्रिया है और किसी भी तरह के नये अधिग्रहण के किसी भी प्रकार के रखरखाव के लिए हमेशा धन की जरुरत होती है. जरुरत और प्रदान किये गये धन के बीच हमेशा अंतर होता है. मैं यह नहीं कहूंगा कि हमें धन नहीं मिल रहा या हमारे पास धन की कमी है. हमें जब भी जरुरत होती है, धन मिलता है.” भाषा वैभव

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