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नहीं मिल रही नौवीं की किताबें
जिले के सभी स्कूलों में पहली अप्रैल से ही नया सत्र शुरू हो गया है. लेकिन, बाजार में एनसीइआरटी की पुस्तकें नहीं मिल रही है. किताबों के लिए रोज दुकानों की दौड़ लग रही है, लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है. किताबें नहीं रहने से हो रही पढ़ाई को स्टूडेंट्स समझ नहीं पा […]
जिले के सभी स्कूलों में पहली अप्रैल से ही नया सत्र शुरू हो गया है. लेकिन, बाजार में एनसीइआरटी की पुस्तकें नहीं मिल रही है. किताबों के लिए रोज दुकानों की दौड़ लग रही है, लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है. किताबें नहीं रहने से हो रही पढ़ाई को स्टूडेंट्स समझ नहीं पा रहे हैं.
गया : जिले के सभी स्कूलाें में नया सत्र एक अप्रैल से शुरू हाे गया है, लेकिन अभीतक बाजार में एनसीइआरटी की किताबें उपलब्ध नहीं है. सीबीएसइ से संबद्धता प्राप्त स्कूलों के छात्र-छात्राएं व उनके अभिभावक राेज शहर की किताब दुकानाें के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है. उधर किताबें नहीं रहने से स्कूलों व ट्यूशन में चल रही पढ़ाई काे स्टूडेंट्स समझ नहीं पा रहे हैं. साथ ही, किताबों के अभाव में छात्र-छात्राओं को टास्क बनाने में परेशानी हो रही है.
किताब विक्रेताआें में एक का कहना है कि मांग के अनुसार करीब 50 फीसदी छात्राें काे एनसीइआरटी की किताबें उपलब्ध हाे गयीं, जबकि एक अन्य दुकानदार का कहना है कि अभी तक एनसीइआरटी ने महज 25 फीसदी ही किताबें ही उपलब्ध करा सकी है. आंबेडकर मार्केट स्थित बुक्स एंड बुक्स नामक किताब दुकान के दुकानदार ने बताया कि 10वीं क्लास की सामाजिक विज्ञान (एसएसटी) की किताबें काे छाेड़ कर बाकी सभी किताबें उपलब्ध हैं.
नाैवीं कक्षा की अधिकतर विषयाें की किताबें बाजार में उपलब्ध नहीं हैं. छठी कक्षा की एसएसटी समेत कई विषयाें की किताबें माैजूद नहीं हैं. उनका कहना है कि मांग के हिसाब से करीब 50 प्रतिशत बच्चाें काे किताबें इसलिए नहीं मिल पायी हैं कि एनसीइआरटी ने अब तक पूरे विषयाें का सेट उपलब्ध ही नहीं करायी है.
लहेरिया टाेला राेड स्थित अग्रवाल बुक सेलर के दुकानदार ने बताया कि 10वीं कक्षा की एक-दाे विषयाें काे छाेड़ कर बाकी किताबें उपलब्ध हैं. नाैंवी कक्षा की किताबें उनके पास भी नहीं हैं. एनसीइआरटी से मिली जानकारी के अनुसार पांच मई तक कुछ किताबें भेजी जायेंगी. उन्हाेंने बताया कि अब तक मांग के विरुद्ध मात्र 25 प्रतिशत एनसीइआरटी की किताबें ही आयी हैं.
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