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बागमती नदी की पेटी को कचरे से भर रहा नगर निगम

नदियों को अविरल बहने दो Â सती स्थान पर महीनों से नदी में डंप िकया जा रहा कचरा, िनगम प्रशासन की कारगुजारी से लोगों में रोष दरभंगा : गर्मी के दिनों में पेयजल समस्या से जूझने वाला दरभंगा शहर अगले कुछ दिनों में बाढ़ की समस्या से भी दो-चार होगा. नगर निगम की कारगुजारी इसका […]

नदियों को अविरल बहने दो Â सती स्थान पर महीनों से नदी में डंप िकया जा रहा कचरा, िनगम प्रशासन की कारगुजारी से लोगों में रोष

दरभंगा : गर्मी के दिनों में पेयजल समस्या से जूझने वाला दरभंगा शहर अगले कुछ दिनों में बाढ़ की समस्या से भी दो-चार होगा. नगर निगम की कारगुजारी इसका कारण बनने जा रहा है. निगम ने शहर के किनारे से बह रहे बागमती नदी के अस्तित्व को ही समाप्त करने की ठान लिया है. प्रतिदिन दर्जनों ट्रेक्टर कचड़ा निगम बागमती नदी में डाल रहा है. यह क्रम इसी तरह चलता रहा तो कुछ सालों में नदी का प्रवाह ही बंद हो जायेगा. नदी की चौराई कम होते जाने से नगर पर बाढ़ का खतरा भी हर बरसात में मंडराने लगेगा.
दरभंगा टावर से पश्चिम महाराजी पुल से एक रास्ता सती घाट होते हुए मब्बी पर फोर लेन से मिलता है. इसी राह में सती घाट शमशान के निकट निगम का करीब आधा दर्जन ट्रेक्टर प्रतिदिन कचरा गिराने पहुंचता है. नदी किनारे हाइड्रोलिक टेलर को उल्टा कर ट्रेक्टर से कचरा गिराया जा रहा है. शमशान घाट होने के कारण अमूमन इस रास्ते का उपयोग लोग नहीं करते हैं. इस राह का उपयोग जो करते भी हैं वे मजदूर वर्ग के लोग होते हैं. मजदूरी के लिए गांवों से शहर आने के लिए वे इस राह से आते जाते हैं. सामाजिक सरोकार से जुड़े लोगों की आवाजाही कम होने के कारण निगम की यह कारगुजारी महीनों से छुपी है.
पांच फीट तक नदी को भर दिया : इतने दिनों में कचरे से नदी को लगभग पांच फीट तक भरा जा चुका है. नदी के गर्भ में इसकी चौराई करीब 10 फीट तक है. आधा किलोमीटर से अधिक लंबाई में नदी किनारे कचरा गिराया जा रहा है.
दूषित हो रहा नदी का पानी : नदी में गिराये जा रहे कचरे के कारण नदी का पानी दूषित हो रहा है. पॉलीथिन समेत अन्य सामान कचरे के साथ नदी में गिराये जाने से जलजीव समेत पर्यावरण पर भी इसका असर पड़ रहा है. डंपिंग स्थल से आगे नीचे की तरफ के पानी का रंग इसे स्पष्ट कर देता है.
दंडनीय अपराध
नदी की धारा को रोकना दंडनीय अपराध है. अगर उसमें कचरा डाला जा रहा है तो उसमें कुछ ऐसे भी कचरे होंगे जो पानी के तल पर बैठ जायेगे. कीटाणु, जीवाणु पैदा होंगे. पानी सड़ जायेगा. यह किसी के उपयोग लायक नहीं रह जायेगा. कई प्रदूषण जनित रोगों का कारण बनेगा.
डॉ विद्यानाथ झा, पर्यावरणविद
मेरे संज्ञान में यह मामला नहीं आया है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. कचरा गिराने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जायेगी.
नरोत्तम कुमार साम्राज्य, सिटी मैनेजर

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