Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पारा हाई है. इस बार भी कांग्रेस की राह आसान नहीं दिख रही है. 2020 के चुनाव में कांग्रेस के खाते में 70 सीटें आई थी, वहीं इस बार सिर्फ 61 सीटों पर ही संतोष करना पड़ रहा है. इनमें से 56 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस का सीधा मुकाबला बीजेपी और जेडीयू से है. पिछली बार का स्ट्राइक रेट 27% रहा था. इस बार मुकाबला और कठिन लग रहा है. देखा जाए तो बिहार में कांग्रेस की कमजोरी नयी नहीं है. 1995 से लेकर अब तक 30 सीटों को पार नहीं कर सकी है. 2005 में 9 सीट. 2010 में गिरकर यह गिरकर 4 रह गयी.
नैरेटिव वॉर में भी कमजोर पड़ती दिखी कांग्रेस
उसके अलावा इस बार के चुनाव से पहले नैरेटिव वॉर में भी कांग्रेस थोड़ी ढीली पड़ती दिखी. राहुल गांधी ने SIR इश्यू को बिहार में हवा दी और जब इस मुद्दे पर असली काम करने की बारी आई तो वे विदेश चले गये. दूसरी तरफ पीएम मोदी ने बिहार आकर सीधा बिहारी सेंटिमेंट को टटोलने की कोशिश की. सिवान और मुजफ्फरपुर की रैली में उन्होंने कहा, “बिहार को गाली देने वालों के साथ राजद खड़ी है. पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना के सीन का उदाहरण भी दिया. बीते दिनों पीएम मोदी ने ये दावा करके एक अतिरिक्त प्रेशर भी डाल दिया कि कांग्रेस तो आरजेडी को ही खत्म करना चाहती है.
तेजस्वी को सीएम और सहनी को डिप्टी सीएम किया घोषित
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) ने मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के चेहरे को लेकर औपचारिक स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दी है. आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव को महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है, जबकि वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री का चेहरा बनाया गया है. साथ ही महागठबंधन ने अपने घोषणा पत्र का नाम ही ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ रखा, जिससे तेजस्वी के नेतृत्व को पूरी प्राथमिकता मिल गई है.
ALSO READ: बाहुबली-बाहुबली खूब सुना… अब जानिए क्या होता है “बाहुबली” शब्द का असली मतलब?

