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अनुग्रह नारायण स्मारक महावद्यिालय में सुविधाओं की कमी

अनुग्रह नारायण स्मारक महाविद्यालय में सुविधाओं की कमी4000 स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए मात्र छह शिक्षक (फोटो नंबर-15) कैप्शन- नवीनगर स्थित अनुग्रह नारायण स्मारक महाविद्यालय नवीनगर (औरंगाबाद)नवीनगर प्रखंड मुख्यालय स्थित अनुग्रह नारायण स्मारक महाविद्यालय में संसाधनों की घोर कमी है. यहां न तो छात्र-छात्राओं के मुताबिक कमरे हैं और न ही पठन-पाठन के लिए विषयवार […]

अनुग्रह नारायण स्मारक महाविद्यालय में सुविधाओं की कमी4000 स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए मात्र छह शिक्षक (फोटो नंबर-15) कैप्शन- नवीनगर स्थित अनुग्रह नारायण स्मारक महाविद्यालय नवीनगर (औरंगाबाद)नवीनगर प्रखंड मुख्यालय स्थित अनुग्रह नारायण स्मारक महाविद्यालय में संसाधनों की घोर कमी है. यहां न तो छात्र-छात्राओं के मुताबिक कमरे हैं और न ही पठन-पाठन के लिए विषयवार शिक्षक ही. आज स्थिति यह है कि शिक्षक व छात्र-छात्राएं सिर्फ कॉलेज में उपस्थिति बनाने के लिए पहुंचते हैं. वैसे तो यह महाविद्यालय मगध विश्वविद्यालय की अंगीभूत महाविद्यालयों में से एक है. यहां प्रखंड के अलावे अन्य दूसरे जगहों के छात्र-छात्राएं यहां पढ़ाई के लिए आते हैं. ग्रामीण इलाकों के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा की सुविधा देनेे के उद्देश्य से वर्ष 1970 में इस महाविद्यालय की स्थापना की गयी थी. लेकिन आज महाविद्यालय की स्थिति बेहद खराब हो गयी है. इस महाविद्यालय में लगभग चार हजार से अधिक विद्यार्थी हैं, जिनका भविष्य मात्र छह शिक्षकों पर टिका है. शिक्षकों के अभाव में छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है. इसके अलावे महाविद्यालय में सुविधाओं की भी घोर कमी है. इस महाविद्यालय में छात्रों की संख्या के अनुसार 37 शिक्षकों की आवश्यकता है. लेकिन मात्र छह शिक्षकों के भरोसे ही चार हजार छात्र-छात्राओं की भविष्य टिकी है. इंटर कला में 512, साइंस में 512 व स्नातक में 640 सीट है. नामांकन के लिए लगभग दो हजार छात्र-छात्राएं आवेदन देते हैं लेकिन निर्धारित सीट होने के कारण अधिकांश छात्र नामांकन से वंचित रह जाते हैं. नामांकन नहीं होने के कारण अधिकांश छात्र-छात्राएं दूसरे कॉलेजों का चक्कर लगाते रहते हैं लेकिन उन्हें नामांकन होना संभव नहीं होता.बाउंड्री नहीं होने से भी परेशानी प्राचार्य शैलेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि भवन के साथ-साथ बाउंड्री नहीं होने से यहां काफी परेशानी हो रही है. कॉलेज में शिक्षकों की कमी है. मात्र छह शिक्षकों के भरोसे लगभग चार हजार छात्र-छात्राओं की पढ़ाई होती है. प्राचार्य ने बताया कि कुछ स्थानीय लोगों द्वारा बाउंड्री व हॉस्टल निर्माण में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है. इससे कार्य अवरूद्ध हैं. इसमें कुछ भूमिदाता भी हैं जिनका कोई लिखित मांग नहीं है कि किस कारण से ये लोग कार्य को रोक रहे हैं. शिक्षकों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए विभाग के पास आवेदन भी लिखा गया है लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं की गयी है.

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