नयी दिल्ली : महेंद्र सिंह धौनी ने बुधवार रात को अचानक भारतीय वनडे और टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ने की घोषणा कर एक बार फिर से पूरे खेल जगत को चौंका दिया. धौनी के इस फैसले को कुछ लोग सही डिसिजन मालते हैं तो कई को अब तक समझ में नहीं आ रहा है कि धौनी ने अचानक ऐसा क्यों किया.
इधर मीडिया में कयासों का दौर चल पड़ा है. खबर चल रही है कि महेंद्र सिंह धौनी ने कप्तानी छोड़ने का फैसला स्वेच्छा से नहीं बल्कि किसी के दबाव में लिया है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि धौनी ने किसके दबाव के चलते इतना बड़ा डिसिजन लिया. धौनी ने बीसीसीआइ को जो रिजाइन लेटर भेजा है उसके हवाले से ही मीडिया में खबर चल रही है कि धौनी ने किसी दबाव में ही कप्तानी छोड़ी है.
* धौनी ने अपने रिजाइन लेटर में क्या लिखा
मीडिया में चल रही है खबरों के अनुसार धौनी ने बीसीसीआइ को जो मेल भेजा है उसमें उन्होंने लिखा है, मैं भारत के वनडे और टी-20 कप्तान के पद से इस्तीफा देता हूं और विराट कोहली का मेंटर बनने के लिए राजी हूं. धौनी ने अंतिम लाइन जो लिखी है उसी को आधार बनाकर ऐसा माना जा रहा है कि धौनी ने अपनी इच्छा से कप्तानी नहीं छोड़ी है बल्कि उन्हें कप्तानी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है.
* धौनी मेरे लिए हमेशा कप्तान रहेंगे : विराट
धौनी के कप्तानी छोड़ने से विराट कोहली को गहरा झटका लगा. कोहली ने कहा, धौनी भले ही वनडे और टी-20 से कप्तानी छोड़ दी है, लेकिन वो मेरे लिए हमेशा कप्तान रहेंगे. कोहली ने आज खुलासा किया है कि धौनी उनके लिए कप्तान ही नहीं बल्कि संरक्षक भी थे.
भारतीय टीम के तीनों प्रारुपों के नव नियुक्त कप्तान ने खुलासा किया है कि धौनी ने कई बार उन्हें भारतीय टीम से बाहर होने से बचाया. कोहली ने 2008 में श्रीलंका में वनडे में पदार्पण के बाद अपनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट धौनी की कप्तानी में खेली. अपने शुरुआती दिनों में कोहली लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे लेकिन धौनी ने उन पर पूरा भरोसा दिखाया और उनका स्थान सुरक्षित रखा.