Navratri 2025 Day 6 Mata Katyayani Chalisa: नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप को समर्पित है. माता कात्यायनी की कृपा से जीवन में खुशहाली और सकारात्मकता आती है. रूके हुए काम पूरे होते हैं. मान्यता है कि नवरात्रि के छठे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद विधिपूर्वक पूजा-पाठ और माता को समर्पित चालीसा का पाठ करना बेहद शुभ होता है. इससे मां प्रसन्न होती हैं और भक्त की सारी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं.
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मां कात्यायनी की चालीसा
दोहा
जय कात्यायनी माँ, जय महिषासुर मारिणी।
सुर नर मुनि आराधित, जय मंगल करिणी॥
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चौपाई
जय जय अंबे जय कात्यायनी।
जय महिषासुर घातिनी दानी॥
ब्रह्मा, विष्णु, शिव जी ध्यावैं।
शक्ति शक्ति सब जगत बनावैं॥
रक्तदंतिका और अन्नपूर्णा।
माँ कात्यायनी हैं सम्पूर्णा॥
कात्यायन ऋषि मुनि के आश्रय।
कात्यायनी मां सबके बासय॥
भय, संकट हरिणी तुही माता।
भक्तों के दुःख हरती आपा॥
जो कोई तुझको शरण में आवे।
मनवांछित फल वह नर पावे॥
ध्यान धार जो कोई नारी।
कात्यायनी पूर्ण सुखकारी॥
कुमारी पूजा जो नित ध्यावे।
अविवाहित जीवन न बितावे॥
हर युग में माँ तू सहाय।
जो भी भक्त करें मन लाय॥
कात्यायनी माँ तेरी महिमा।
सतयुग त्रेता हो या द्वापर॥
सिंह सवारी मां भवानी।
जय जय जय अंबे भवानी॥
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
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