Dhanteras 2025: धनतेरस का पावन पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस पर्व को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. धनतेरस, दिवाली का पहला दिन होता है.माना जाता है कि इस दिन नई वस्तुएं जैसे- सोना, चांदी, झाड़ू और बर्तन खरीदने की परंपरा है.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि धनतेरस पर नई वस्तुएं खरीदने को इतना ज्यादा महत्व क्यों दिया जाता है और ऐसी क्या बात है जो धनतेरस को बाकी सभी पर्वों से अलग और विशेष बनाती है? आइए, इन सभी सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं.
धनतेरस पर नई वस्तुएं खरीदने का महत्व क्या है?
हिंदू धर्म में धनतेरस को समृद्धि, सौभाग्य और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन भगवान धनवंतरी, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है.धार्मिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन नई वस्तुएं जैसे सोना, चांदी, बर्तन और अन्य शुभ वस्तुएं खरीदने से घर में धन का आगमन होता है, साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
धनतेरस पर्व का महत्व क्या है?
धनतेरस को बाकी सभी पर्वों से जो चीज़ अलग बनाती है, वह है नई शुरुआत की उम्मीद.इस दिन केवल नई वस्तुओं की खरीदारी ही नहीं की जाती, बल्कि जीवन में नई शुरुआत, ऊर्जा, सकारात्मकता और सफलता की कामना भी की जाती है.कई लोग इस दिन नया कारोबार या कोई शुभ कार्य आरंभ करते हैं ताकि उन्हें भगवान धनवंतरी, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त हो.
साल 2025 में धनतेरस कब है?
इस साल धनतेरस का पावन पर्व 18 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा.
धनतेरस पूजा 2025 का शुभ मुहूर्त क्या है?
इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा और 8 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगा.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
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