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Shivraj Patil : कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व गृहमंत्री रहे शिवराज पाटिल का शुक्रवार 12 दिसंबर की सुबह निधन हो गया. शिवराज पाटिल 90 साल के थे. उनका निधन बुढ़ापा संबंधित बीमारियों की वजह से हुआ, वे महाराष्ट्र के लातूर में रह रहे थे. शिवराज पाटिल 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार में गृहमंत्री बने थे. हालांकि उनका कार्यकाल बहुत विवादित रहा, क्योंकि 2008 में मुंबई बम धमाका हुआ और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
क्या शिवराज पाटिल के कार्यकाल की सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी मुंबई बम धमाका?
शिवराज पाटिल कांग्रेस के वैसे वरिष्ठ नेताओं में से एक थे, जिनके बारे में यह कहा जाता है कि अगर वे 2004 का चुनाव जीत गए होते, तो मनमोहन सिंह नहीं वे प्रधानमंत्री होते. 2004 में जब वे गृहमंत्री बने, उस वर्ष वे लोकसभा का चुनाव हार गए थे, बावजूद इसके उन्हें गृहमंत्री बनाया गया, जो पार्टी में उनके कद को बताने के लिए पर्याप्त है. गृहमंत्री के रूप में शिवराज पाटिल का कार्यकाल बहुत विवादित रहा. इसमें जिस बात को लेकर उनकी सबसे ज्यादा निंदा की जाती है, वो है मुंबई बम धमाका.
पाकिस्तानी आतंकवादियों ने जिस तरह समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसकर सीरियल हमला किया और ताज होटल, स्टेशन और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाके में बम विस्फोट और हमलाा किया, उससे गृहमंत्री की छवि को बहुत नुकसान पहुंचा. यह कहा जाने लगा कि उनके कार्यकाल में सुरक्षा एजेंसियां बेकार थीं और सरकार को आतंकवादियों की गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी. चूंकि मुबई बम हमले में सैकड़ों लोगों की जान गई थी, इसलिए इसे सरकार की बड़ी विफलता माना गया और शिवराज पाटिल को इस्तीफा देना पड़ा.

मालेगांव बम विस्फोट और नंदीग्राम से क्या है शिवराज पाटिल का कनेक्शन?
मालेगांव बम विस्फोट और नंदीग्राम से भी शिवराज पाटिल का गहरा रिश्ता है. दरअसल 2008 में मालेगांव में मुस्लिम बहुल इलाके में बम धमाका हुआ था. इस धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे. इस हमले के बाद हिंदू आतंकवाद शब्द चलन में आया और पाटिल पर यह आरोप लगा कि उन्होंने इस केस को सही तरीके से हैंडिल नहीं किया.
2007 में नंदीग्राम में जब भूमि अधिग्रहण का मामला बहुत गरमाया तो उस वक्त की बंगाल सरकार ने गृह मंत्रालय से सेंट्रल रिजर्व फोर्स को वहां भेजने का आग्रह किया, लेकिन पाटिल ने ऐसा नहीं किया. इस वजह से भी उनकी आलोचना हुई थी.
क्या पंजाब के गवर्नर भी रहे थे शिवराज पाटिल?
शिवराज पाटिल को गांधी परिवार के करीबी लोगों में गिना जाता है. वे इंदिरा गांधी से सोनिया गांधी तक परिवार के साथ रहे और विभिन्न मंत्रालयों को संभाला. वे देश के रक्षा मंत्री भी रहे थे. 2010 में उन्हें पंजाब का राज्यपाला बनाया गया था. 1991 में वे लोकसभा के अध्यक्ष भी रहे थे. वे महाराष्ट्र के लातूर से 7 बार निर्वाचित हुए थे. उस्मानिया यूनिवर्सिटी से साइंस ग्रेजुएट थे, बाद में उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से लाॅ की डिग्री ली थी.
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