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फर्जी राजनीतिक दान का दावा करने वाले हो जाएं सावधान! आपको खोज रहा है आयकर विभाग

Income Tax Alert: फर्जी राजनीतिक दान का दावा करने वालों पर आयकर विभाग की कड़ी नजर है. आयकर विभाग ने गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और संस्थानों के नाम पर गलत टैक्स कटौती लेने वाले करदाताओं को एसएमएस और ईमेल अलर्ट भेजना शुरू कर दिया है. सीबीडीटी ने डेटा एनालिटिक्स के जरिए ऐसे फर्जी दावों की पहचान की है. करदाताओं को आईटीआर अपडेट कर गलत दावे वापस लेने का मौका दिया जा रहा है, वरना जांच, नोटिस और पेनल्टी की कार्रवाई हो सकती है.

Income Tax Alert: फर्जी राजनीतिक दान का दावा करने वाले सावधान हो जाएं. आयकर विभाग ने फर्जी राजनीतिक दान और गलत कर कटौती दावों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और कुछ धर्मार्थ संस्थानों के नाम पर किए गए संदिग्ध दान दावों को लेकर विभाग ने करदाताओं को सीधे चेतावनी भेजनी शुरू कर दी है. वित्त मंत्रालय के अनुसार, ऐसे मामलों में करदाताओं को एसएमएस और ईमेल के जरिए सतर्क किया जा रहा है.

डेटा एनालिटिक्स से पकड़े गए फर्जी दावे

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया कि एडवांस डेटा एनालिटिक्स के जरिए बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों या कुछ संस्थाओं को दान दिखाकर कर देनदारी घटाई गई. कई मामलों में गलत कटौती के आधार पर फर्जी रिफंड भी क्लेम किया गया. विभाग का कहना है कि पैटर्न-बेस्ड एनालिसिस से इन दावों की पहचान की गई है.

करदाताओं को सुधार का मौका

वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई दंडात्मक से पहले सुधारात्मक है. करदाताओं के हित में एक लक्षित अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत उन्हें अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) को अपडेट करने और गलत दावों को स्वेच्छा से वापस लेने का अवसर दिया जा रहा है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि करदाता बिना लंबी जांच या नोटिस प्रक्रिया में गए, अपनी त्रुटियों को समय रहते सुधार सकें.

12 दिसंबर 2025 से शुरू हुआ अलर्ट अभियान

मंत्रालय के बयान के अनुसार, 12 दिसंबर 2025 से ऐसे करदाताओं के पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल पते पर एसएमएस और ईमेल सूचनाएं भेजी जा रही हैं. इन संदेशों में उन्हें संभावित गलत दावों के बारे में आगाह किया जा रहा है और आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी जा रही है.

क्या हो सकता है असर

अगर करदाता समय रहते अपने रिटर्न अपडेट नहीं करते और गलत दावों को वापस नहीं लेते, तो आगे चलकर विभाग औपचारिक जांच, नोटिस और पेनल्टी की प्रक्रिया शुरू कर सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभियान टैक्स अनुपालन बढ़ाने और फर्जी दान के जरिए टैक्स चोरी पर लगाम लगाने की दिशा में बड़ा कदम है.

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करदाताओं के लिए संदेश

आयकर विभाग का स्पष्ट संदेश है, ‘अगर आपने राजनीतिक दान या चैरिटेबल डोनेशन के नाम पर गलत कटौती का दावा किया है, तो अब सतर्क हो जाएं. समय रहते रिटर्न अपडेट करना न केवल कानूनी जोखिम घटाएगा, बल्कि भविष्य की जटिलताओं से भी बचाएगा.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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