Success Story: भारत के प्रख्यात शेफ संजय कपूर की कंपनी वंडरशेफ ने कमाल ही कर दिया. वंडरशेफ की शुरुआत भारतीय घरों की रोजमर्रा की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए गए साधारण कुकवेयर और प्रेशर कुकर से हुई थी. समय के साथ यह ब्रांड सिर्फ बर्तन बेचने वाली कंपनी नहीं रहा, बल्कि एक संगठित किचन सॉल्यूशन ब्रांड बन गया. लागत और सेल्स चैनलों पर सख्त नियंत्रण रखते हुए वंडरशेफ ने मिक्सर, ब्लेंडर और स्मार्ट किचन टूल्स को अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा और धीरे-धीरे स्केल किया. वित्त वर्ष 2024-25 में इसका रेवेन्यू 421 करोड़ तक पहुंच गया है और अब कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में 1000 करोड़ रुपये तक रेवेन्यू अर्जित करने का है.
वित्त वर्ष 2024-25 में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन
स्टार्टअप पीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक वंडरशेफ ने 421 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग रेवेन्यू दर्ज किया, जबकि नेट प्रॉफिट 4.4 करोड़ रुपये रहा. यह कंपनी का लगातार दूसरा प्रॉफिटेबल साल था. वित्त वर्ष 2023-24 में जहां कंपनी का रेवेन्यू 378 करोड़ रुपये और मुनाफा 1.5 करोड़ रुपये था. वहीं वित्त वर्ष 2024-25 के आंकड़ों में साफ मजबूती दिखाई दी. ब्याज सहित कुल आय 423 करोड़ रुपये रही, जबकि कुल खर्च 415 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. इससे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी ग्रोथ के साथ-साथ खर्च नियंत्रण पर भी ध्यान दे रही है.
फाउंडर्स की जोड़ी और मजबूत नींव
वंडरशेफ की स्थापना 2009 में मुंबई में रवि सक्सेना और शेफ संजीव कपूर ने की थी. रवि सक्सेना के पास कंज्यूमर बिजनेस और ब्रांड बिल्डिंग का गहरा अनुभव था, जबकि संजीव कपूर देश के सबसे भरोसेमंद और लोकप्रिय शेफ के रूप में पहले से ही घर-घर में पहचाने जाते थे. दोनों की साझेदारी बिजनेस सेंस और क्रिएटिव पैशन के संतुलन पर टिकी थी, जिसमें एक तरफ कंपनी खड़ी करने की रणनीति थी और दूसरी तरफ ग्राहकों के साथ विश्वास बनाने की ताकत है.
शुरुआती प्रोडक्ट्स से पहचान बनी
शुरुआती वर्षों में कंपनी ने भारतीय खाना पकाने की आदतों के अनुरूप नॉन-स्टिक पैन और प्रेशर कुकर की सीमित रेंज पर फोकस किया. इन प्रोडक्ट्स को बड़े पैमाने पर विज्ञापन के बजाय वर्ड ऑफ माउथ, टीवी सेलिंग और कैटलॉग के ज़रिए ग्राहकों तक पहुंचाया गया. यही वह दौर था, जिसने वंडरशेफ को उसके पहले वफादार ग्राहक दिए और ब्रांड की बुनियाद मजबूत की.
आज 200 से ज्यादा प्रोडक्ट्स का पोर्टफोलियो
आज वंडरशेफ 200 से ज्यादा प्रोडक्ट्स ऑफर करता है, जिनमें कुकवेयर से लेकर स्मार्ट किचन अप्लायंसेज तक शामिल हैं. इनमें मिक्सर ग्राइंडर, ब्लेंडर, शेफ मैजिक किचन रोबोट, चाय मैजिक टी मेकर और न्यूट्री-ब्लेंड जैसे प्रोडक्ट्स प्रमुख हैं. कई प्रोडक्ट्स शेफ संजीव कपूर के साथ मिलकर डिजाइन किए गए हैं या उनकी सिफारिश पर लॉन्च किए गए हैं, ताकि ग्राहक इन्हें रोजमर्रा की भारतीय कुकिंग में आसानी से इस्तेमाल कर सकें.
आउटसोर्स मैन्युफैक्चरिंग से लागत पर नियंत्रण
वंडरशेफ का बिजनेस मॉडल आउटसोर्स मैन्युफैक्चरिंग पर आधारित है। कंपनी प्रोडक्ट्स का डिजाइन खुद करती है, लेकिन निर्माण भरोसेमंद पार्टनर फैक्ट्रियों के जरिए करवाती है. इससे कंपनी को भारी कैपेक्स से बचाव मिलता है और वह फैक्ट्रियों के बजाय प्रोडक्ट डेवलपमेंट, ब्रांडिंग और डिस्ट्रीब्यूशन पर निवेश कर पाती है. यही मॉडल कंपनी को तेजी से नए प्रोडक्ट लॉन्च करने में भी मदद करता है.
मल्टी-चैनल डिस्ट्रीब्यूशन और क्विक कॉमर्स
वंडरशेफ अपने प्रोडक्ट्स जनरल ट्रेड स्टोर्स, मॉडर्न ट्रेड आउटलेट्स, एक्सक्लूसिव ब्रांड स्टोर्स, अपनी वेबसाइट और ऑनलाइन मार्केटप्लेसेज़ के ज़रिए बेचती है। इसके अलावा क्विक कॉमर्स छोटे सामान और एक्सेसरीज़ के लिए तेजी से अहम बन गया है। कंपनी के अनुसार, इन प्लेटफॉर्म्स पर कुछ खास प्रोडक्ट रोज़ाना बड़ी संख्या में बिक रहे हैं, जिससे वॉल्यूम और विजिबिलिटी दोनों बढ़ी है।
यूनिट इकोनॉमिक्स पर फोकस
रवि सक्सेना के मुताबिक, कंपनी सिर्फ सेल्स नंबर बढ़ाने के पीछे नहीं भागती. वंडरशेफ हर प्रोडक्ट के स्तर पर प्रॉफिटेबिलिटी ट्रैक करती है. यही वजह है कि खरीद लागत, जो कुल खर्च का लगभग 68 प्रतिशत रही, उसके बावजूद कंपनी ने ईबीआईटीडीए मार्जिन 2.02% और आरओसीई 4.78% बनाए रखा. वित्त वर्ष 2023-24 के बाद वित्त वर्ष 2024-25 में भी प्रॉफिट दर्ज होना इस रणनीति की पुष्टि करता है.
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2026 तक 1000 करोड़ का लक्ष्य
वित्त वर्ष 2024-25 के नतीजे यह संकेत देते हैं कि वंडरशेफ अब स्थिर ग्रोथ के रास्ते पर है. नियंत्रित खर्च, सीमित लेकिन सोच-समझकर किया गया विस्तार और यूनिट इकोनॉमिक्स पर सख्त फोकस कंपनी को 2026 तक 1000 करोड़ रुपये के रेवेन्यू लक्ष्य की ओर बढ़ा रहा है. शेफ संजीव कपूर का भरोसा और मजबूत बिजनेस मॉडल मिलकर वंडरशेफ को एक टिकाऊ और मुनाफे वाली किचनवेयर कंपनी के रूप में स्थापित कर रहे हैं.
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