17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Ashadh Amavasya 2021: कब है आषाढ़ मास की अमावस्या, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन का महत्व

Ashadh Amavasya 2021: इस समय आषाढ़ का महीना चल रहा है. धार्मिक दृष्टि से आषाढ़ मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व है. इस साल आषाढ़ अमावस्या 9 जुलाई दिन शुक्रवार को पड़ रही है. अमावस्या तिथि हर महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहलाती है. आषाण मास की अमावस्या तिथि को हलहारिणी अमावस्या और अषाढ़ी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन हल और खेती में उपयोग होने वाले उपकरणों की पूजा की जाती है.

Ashadh Amavasya 2021: इस समय आषाढ़ का महीना चल रहा है. धार्मिक दृष्टि से आषाढ़ मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व है. इस साल आषाढ़ अमावस्या 9 जुलाई दिन शुक्रवार को पड़ रही है. अमावस्या तिथि हर महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहलाती है. आषाण मास की अमावस्या तिथि को हलहारिणी अमावस्या और अषाढ़ी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन हल और खेती में उपयोग होने वाले उपकरणों की पूजा की जाती है. इस तिथि पर किसान विधि-विधान से हल पूजन करके ईश्वर से फसल हरी-भरी बनी रहने की कामना करते हैं. इसके साथ ही अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करने के लिए भी शुभ दिन होता है. इसलिए पितरों के तर्पण के लिए आषाढ़ अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान एवं दान-पुण्य किया जाता है.

9 जुलाई को है अमावस्या तिथि

आषाढ़ मास का प्रारंभ 25 जून को कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से हो चुका है. अमावस्या हर महीने आती है. अमावस्या वाले दिन पवित्र नदियों में स्नान करने पर पुण्य मिलता है. हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास साल का चौथा महीना होता है. आषाढ़ मास की अमावस्या 9 जुलाई दिन शुक्रवार को होगी.

अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त

आषाढ़ मास की अमास्या तिथि 9 जुलाई की सुबह 5 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 10 जुलाई की सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी. अमावस्या का व्रत नियमानुसार 9 जुलाई को रखा जाएगा और व्रत का पारण 10 जुलाई को होगा.

आषाढ़ अमावस्या की पूजा विधि

इस दिन पवित्र नदी, जलाशय अथवा कुंड आदि में स्नान करें. इसके बाद तांबे के पात्र में जल, लाल चंदन और लाल रंग के पुष्प डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें. फिर यथाशक्ति किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें. अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास भी करें. आप चाहें तो पानी में गंगा जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं.

Also Read: Yogini Ekadashi 2021 : कब है आषाढ़ मास की एकादशी तिथि, जानें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट
फलाहार करते हुए करें व्रत

अमावस्या के दिन फलाहार व्रत रखना चाहिए. इस दिन आर्थिक स्थिति के अनुसार जरूरतमंदों को दान भी देना चाहिए. दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मृत्यु उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है.

आषाढ़ मास के अंत से बरसात का मौसम शुरू होता है और इस माह में चतुर्मास की भी शुरुआत होती है. इसलिए आषाढ़ की अमावस्या पर तर्पण और व्रत का विशेष विधान है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें