IPL 2025, M S Dhoni Kundali: महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों आईपीएल में अपने फॉर्म को लेकर जूझ रहे हैं. चेन्नई सुपरकिंग्स के कैप्टन को पुराने अंदाज में देखने के लिए फैंस बेकरार हैं. महेंद्र सिंह धोनी ने आईपीएल में अब तक 271 मैचों में भाग लिया है. इस दौरान उन्होंने 236 पारियों में 39.22 की औसत से 5373 रन बनाए हैं. आईपीएल में उनके नाम 24 अर्धशतक हैं, और उनका व्यक्तिगत सर्वोच्च स्कोर 84 रन है. धोनी के बल्ले से क्रिकेट प्रेमियों ने आईपीएल में 373 चौके और 260 छक्के देखे हैं.
क्या धोनी पुराने फॉर्म में लौटेंगे, क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि धोनी की लगन कुंडली के केंद्र में चंद्रमा तथा गुरु और साथ में शनि है. पंचम भाव में केतु है नवम भाव में मंगल है. दशम भाव में सूर्य के साथ बुध है. एकादश भाव में राहु और शुक्र की युति है. पहला भाव में यानि केंद्र में गजकेसरी योग बना हुआ है. दशम भाव में बुधादित्य योग है. मंगल का दृष्टी गुरु ,चंद्रमा शनि पर है तथा मंगल का आठवां दृष्टी केतु पर है, केतु का पंचम दृष्टी मंगल पर है. एकादश भाव में राहु तथा शुक्र है जिसे लंपट योग बन रहा है जिसे मान सम्मान में उन्नति होता है .
PM Modi की कुंडली में राहु की हुई एंट्री
महेंद्र सिंह धोनी की कुंडली
नाम: महेंद्र सिंह धोनी/एम एस धोनी/माही
पेशा: क्रिकेटर
जन्म: 07 जुलाई 1981 (11:15 AM)
एम एस धोनी के जन्म कुंडली कारक
लग्न – कन्या
जन्म दिनांक – 7 जुलाई 1981
जन्म समय – 11:15 AM
जन्म स्थान – रांची (भारत)
लग्न स्वामी – बुध
जन्म राशि – कन्या
जन्म राशि स्वामी – बुध
नाम राशि – सिंह
नाम राशि स्वामी – सूर्य
पाश्चात्य सूर्य राशि – कर्क
सूर्य राशि स्वामी – चन्द्र
नक्षत्र – उत्तरा फाल्गुनी
नक्षत्र स्वामी – सूर्य
चंद्रमा और गुरु खेलकूद में अच्छा लाभ दिया
महेंद्र सिंह की जन्मकुंडली में चंद्रमा और वृहस्पति केंद्र में स्थित हैं, जबकि मंगल की चौथी दृष्टि चंद्रमा और शनि पर है. इस स्थिति के कारण उन्हें खेल-कूद में रुचि बढ़ी. जन्म के चौथे वर्ष से चंद्रमा की महादशा शुरू हुई, जिसके चलते उनकी खेल-कूद के प्रति रुचि में वृद्धि हुई. इन दोनों ग्रहों के प्रभाव से खेल में उनकी रुचि और भी बढ़ गई. जन्मकुंडली में शुक्र भाग्य के स्वामी हैं, जबकि मंगल भाग्य के भाव में स्थित है. मंगल ने उनके भाग्य को आगे बढ़ाया और उनके करियर के प्रारंभिक चरण में उन्हें अच्छे पद और प्रतिष्ठा का लाभ दिलाया. इस प्रकार, भाग्य में उन्नति हुई, मंगल के प्रभाव से उनके पराक्रम में वृद्धि हुई और उनके जीवन में कई प्रकार के लाभ प्राप्त हुए.
सूर्य तथा बुध की युति दशम भाव में समाज तथा परिवार का सहयोग मिला
सूर्य और बुध की युति दशम भाव में होने के कारण महेंद्र सिंह धोनी को राजनीतिक और उच्च अधिकारियों के साथ मान-सम्मान प्राप्त हुआ है. इसके परिणामस्वरूप उनके कार्य करने के तरीके में बदलाव आया है. दशम भाव में सूर्य सकारात्मक परिणाम प्रदान करता है, जिससे धोनी का आत्मविश्वास बना रहता है और उन्हें अपने कार्य में पूर्ण विश्वास होता है कि वे सफल होंगे. उनके निर्णय बहुत मजबूत होते हैं, लेकिन जब सूर्य अशुभ ग्रहों के साथ होता है, तो यह उनके करियर में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है. बुध के प्रभाव से उनका स्वभाव चंचल रहेगा, लेकिन उनका कर्म हमेशा श्रेष्ठ रहेगा. वे अपने जीवन में सुख और समृद्धि का अनुभव करेंगे, और जो कार्य वे आरंभ करेंगे, वह आसानी से पूरा होगा.
राहु का महादशा इनके करियर
महेंद्र सिंह धोनी ने राहु की महादशा में अपने आपको साबित किया. राहु की महादशा 07 दिसंबर 2002 से शुरू हुई, जिसमें राहु लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य के साथ स्थित है, जबकि राहु चंद्रमा की राशि में है. इस अवधि में उन्हें समाज और करियर में कई प्रकार के लाभ प्राप्त हुए. राहु ने धोनी के लिए सकारात्मक स्थिति बनाई, हालांकि यह एक क्रूर ग्रह माना जाता है. इस महादशा के दौरान उनके भाग्य में उन्नति हुई. खेल जगत में उन्होंने अपनी स्थिति को मजबूत किया, न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी उनका प्रभाव बढ़ा. इसी समय उन्हें भारत की क्रिकेट टीम की कप्तानी का अवसर मिला. 07 दिसंबर 2020 से गुरु की महादशा शुरू हुई, जिसमें गुरु उनकी कुंडली में कन्या राशि में है और लग्न कुंडली के पहले भाव में विराजमान है. गुरु शत्रु राशि में है, जिससे उनके प्रभाव में कमी आएगी.
साल 2025 आई पी एल में कैसा रहेगा इनका परफोर्मेस
वर्तमान में धोनी का प्रदर्शन खेल जगत में सामान्य रहने की संभावना है. गोचर में शनि और राहु का संयोग सातवें भाव में है, जो 18 मई 2025 तक बना रहेगा. मंगल एकादश भाव में है और जुलाई 2025 तक रहेगा, जिससे ऊर्जा की कमी का अनुभव होगा. सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में रुचि बढ़ेगी, लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं होगा. 25 जनवरी 2023 से 07 अगस्त 2025 तक गुरु की महादशा में शनि की अंतरदशा चलेगी, जिसके कारण समाज में बदनामी और कई विपत्तियाँ धीरे-धीरे बढ़ेंगी. धन की हानि होगी, कार्यक्षेत्र में मन नहीं लगेगा, और समाज में मान-सम्मान की कमी आएगी. 11 मई 2025 से बुध का सहयोग मिलने पर कार्य में सुधार होगा, मान-सम्मान में वृद्धि होगी और खेल में भी सुधार देखने को मिलेगा.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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