आज हमारे देश में रोजगार की कमी है. सरकार ने कहा है कि युवा ऐसे रोजगार के अवसर पैदा करें जिसमें वे स्वयं के साथ-साथ अन्य युवाओं को भी रोजगार दे सकें.
यह उचित भी है, क्योंकि जब तक युवाओं के मन में ऐसे भाव नहीं आयेंगे तब तक वे अपनी प्रतिभा को निखार नहीं सकेंगे, परंतु यहां प्रश्न यह उठता है कि क्या सच में सभी युवा रोजगार के योग्य हैं, जो बेरोजगार होने का दावा करते हैं.
शायद नहीं, आजकल लोग पैसों के बल पर नकली व फर्जी मार्कशीट बनवा लेते हैं, जबकि उन्हें एक बच्चे के समतुल्य भी ज्ञान नहीं होता, तो क्या सच में ऐसे युवा रोजगार के लायक हैं. फर्जी मार्कशीटों को बनाने वाले भी सरकारी शिक्षक होते हैं, जो चंद पैसे लेकर अपना ईमान बेचे देते हैं.
श्रीराम, पंचदेवरी (गोपालगंज)