नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के अयोग्य करार दिए गए 20 विधायकों ने आज अपनी अयोग्यता को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. इस मामले की तत्काल सुनवाई की याचिका न्यायमूर्ति एसरवींद्र भट्ट और एके चावला की पीठ के समक्ष लायी गयी, जिन्होंने इस मामले की सुनवाई कल करने पर सहमति जता दी है. इन 20 विधायकों में से एक की तरफ से पेश होते हुए अधिवक्ता मनीष वशिष्ठ ने पीठ के समक्ष कहा कि दिल्ली विधानसभा के 20 सदस्यों को अयोग्य करार दिए जाने की अधिसूचना को देखते हुए इस मामले की तत्काल सुनवाई की जरूरत है.
विधायकों की तरफ से दायर कीगयी याचिका में सरकार की उस अधिसूचना पर रोक लगाने और खत्म करने की मांग की गयीहै, जिसमें राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार अधिनियम (जीएनसीटीडी) के तहत 20 विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया था. यह अधिसूचना चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रपति को 20 विधायकों को अयोग्य करार देने की सिफारिश के दो दिन बाद आया था. आयोग ने राष्ट्रपति से संसदीय सचिव के तौर पर 13 मार्च 2015 से आठ सितंबर 2016 तक लाभ पद पर बने रहने वाले विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी. अधिसूचना राष्ट्रपति की स्वीकृति के साथ 21 जनवरी को जारी किया गया था.