Chanakya Niti: चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे लोगों का जिक्र किया है जिनका साथ इंसान के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है. चाणक्य के अनुसार, इन चार लोगों का साथ रखना साक्षात मृत्यु को न्योता देने के समान होता है. आइए जानते हैं कौन हैं ये चार लोग और इनसे दूरी बनाना क्यों जरूरी है.
Dangerous People in Chanakya Niti: इन चार लोगों से बना ले दूरियां

1. दुष्ट पत्नी
अगर पत्नी दुष्ट स्वभाव की है, यानी हमेशा झगड़ालू, असत्य बोलने वाली, पति को नीचा दिखाने वाली और परिवार में कलह फैलाने वाली है, तो उसका साथ जीवन को नरक बना सकता है. चाणक्य के अनुसार, ऐसी पत्नी मानसिक तनाव का कारण बनती है और व्यक्ति के जीवन में दुखों की भरमार हो जाती है. इसलिए, दुष्ट पत्नी से दूरी बनाना ही श्रेयस्कर होता है.
2. झूठा मित्र
मित्र वही जो संकट में काम आए, लेकिन अगर कोई दोस्त सिर्फ दिखावे के लिए साथ है और मुसीबत में पीठ फेर लेता है, तो ऐसा झूठा मित्र दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक होता है. चाणक्य ने ऐसे दोस्तों से सावधान रहने की सलाह दी है क्योंकि वे धोखा देकर व्यक्ति को मानसिक और सामाजिक हानि पहुंचा सकते हैं.
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3. बदमाश नौकर
घर या व्यापार में कार्य करने वाला नौकर अगर ईमानदार ना होकर चालाक, धोखेबाज और बेईमान हो, तो वह बहुत नुकसान कर सकता है. ऐसे नौकर की वजह से धन, सम्मान और यहां तक कि जान का भी खतरा हो सकता है. चाणक्य कहते हैं कि बदमाश नौकर को तुरंत पहचानकर उससे छुटकारा पाना ही समझदारी है.
4. सांप को पालना
चाणक्य नीति में सांप को पालना एक बड़ा प्रतीक है. इसका अर्थ है किसी भी खतरनाक व्यक्ति या चीज को अपने आसपास रखना. चाहे वह सांप हो या कोई चालाक और घातक शत्रु, उसका स्वभाव कभी नहीं बदलता. जरूरत पड़ने पर वह जरूर डंसेगा. ऐसे में सांप को पालना अपने ऊपर खतरा मोल लेने जैसा है.
चाणक्य का उद्देश्य था लोगों को जीवन में सजग और सतर्क बनाना. यदि हम इन चार तरह के व्यक्तियों से दूरी बनाए रखते हैं, तो हम अपने जीवन को सुखी, सुरक्षित और शांतिपूर्ण बना सकते हैं.
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