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जैसा फिल्मों में दिखता हूं, उतना रोमांटिक नहीं

रुपहले परदे पर रोमांस के बादशाह शाहरुख खान और रोमांटिक फिल्मों के स्पेशलिस्ट डायरेक्टर इम्तियाज अली की जोड़ी फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ लेकर आ रही है. इम्तियाज की फिल्मों को शाहरुख सबसे खास रोमांटिक फिल्म बताते हैं. फिल्म और निजी जिंदगी से जुड़े कुछ सवालों पर शाहरुख ने दिलचस्प जवाब दिये. इम्तियाज की ख्वाहिश […]

रुपहले परदे पर रोमांस के बादशाह शाहरुख खान और रोमांटिक फिल्मों के स्पेशलिस्ट डायरेक्टर इम्तियाज अली की जोड़ी फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ लेकर आ रही है. इम्तियाज की फिल्मों को शाहरुख सबसे खास रोमांटिक फिल्म बताते हैं. फिल्म और निजी जिंदगी से जुड़े कुछ सवालों पर शाहरुख ने दिलचस्प जवाब दिये.
इम्तियाज की ख्वाहिश आपके साथ फिल्म करने की रही है, क्या सिर्फ इसी वजह से यह फिल्म की?
मैं इम्तियाज को कई सालों से जानता हूं. उनकी खासियत है कि वह अपनी फिल्म के प्रति बहुत ईमानदार हैं. कोई समझौता नहीं करते हैं. रिलेशनशिप पर बहुत अच्छा लिखते हैं. जब उन्होंने साल भर पहले मुझे कहानी सुनायी थी, तो बहुत पसंद आयी थी. लड़कियों को यह बहुत पसंद आयेगी. मैं खुद भी एक अरसे से शुद्ध रोमांटिक फिल्म करना चाहता था. यह मेरी एज और जोन के हिसाब से भी परफेक्ट है. अनुष्का के साथ फिल्म किये भी काफी समय हुआ, इसलिए मैंने फिल्म की.
ढाई दशक से भी ज्यादा इंडस्ट्री में आपने समय बिताया है. आप रोमांटिक फिल्मों में कितना बदलाव पाते हैं?
एसेंस वही है, भाषा बदल जाती है. पाकीजा से कुछ कुछ होता है तक प्यार की भाषा बदली है. हां, अब थोड़ा रियल हो गया है, क्योंकि समाज बदला है. अब प्यार बदल गया है, लेकिन प्यार खत्म नहीं हुआ है. अब तो फेसबुक पर लोग खुल कर बातें करते हैं. हमारे वक्त में ऐसा नहीं था.
लवर ब्वॉय के इमेज को अब भी खुद में पाते हैं?
मैं ऐसा नहीं सोचता. मैं लवर ब्वॉय नहीं हूं. करण, आदि, यश चोपड़ा ने कहानी में प्यार के लिए जो इमोशन लिखा है, मैं भले खुद उन पर विश्वास नहीं करता, लेकिन एक्टर के तौर पर जरूर चाहता हूं कि लोगों को इस पर विश्वास करा दूं.
Àआपकी जिंदगी में रोमांस के क्या मायने हैं?
जैसा फिल्मों में मैं दिखता हूं, उतना तो रोमांटिक नहीं हूं. मैं तो बहुत ही ज्यादा शर्मिला हूं. जल्दी किसी से ओपन नहीं होता. अपने इमोशन को ज्यादा एक्सप्रेस नहीं करता. जिस तरह से मैं फिल्मों में लड़की के लिए गाना गाता हूं, रियल लाइफ में गाऊं तो लड़कियां भाग जायेंगी. मेरे लिए रोमांटिक होने का मतलब अपनी लवर लेडी को बराबरी के साथ ट्रीट करना है. मैं उम्र में बड़ा हूं, उनका पति हूं, यह मुझे जताना पसंद नहीं है. मैं उन्हें अपना दोस्त मानता हूं. मुझे लगता है कि लड़कियों को बराबरी और सम्मान के साथ ट्रीट करना ही सबसे बड़ी मोहब्बत है.
आप जब इतने शर्मिले और अनरोमांटिक हैं, तो गौरी के साथ आपकी लव मैरिज कैसे हो गयी?
आपको जानकर हैरानी होगी कि गौरी के साथ डांस करने का प्रस्ताव मैंने नहीं, मेरे लिए मेरे दोस्त ने गौरी से मांगा था. मुझ में तो इतनी हिम्मत ही नहीं थी. मेरे दोस्त को गौरी ने कहा कि उसका व्बॉयफ्रेंड आ रहा है. यह गौरी का भगाने का तरीका होता था लड़कों को. मेरे दोस्त ने कहा कि जब तक वह नहीं आता तब तक मेरा फ्रेंड आपके साथ डांस करना चाहता है. गौरी राजी हो गयी. डांस खत्म हुआ. दोस्तों ने कहा कि नंबर मांग लो. मैंने नंबर मांग लिया और गौरी ने दे भी दिया. उसी वक्त तय कर लिया कि मैं इसी लड़की से शादी करूंगा. आठ साल डेट करने के बाद मैंने गौरी से शादी कर ली. जब मैंने गौरी को प्रपोज किया था, वह 14 साल की थी और मैं 18 का. मेरे बच्चे तो मेरी खिंचाई करते हैं कि आप 14 साल की लड़की के साथ कैसे डेट कर सकते थे.
आप पब्लिक फिगर हैं. गौरी और बच्चों को कितना समय दे पाते हैं?
मैं लकी हूं कि मेरे प्रोफेशन को मेरी पत्नी, मेरी बहन और मेरे बच्चे बहुत ही अच्छी तरह से समझते हैं. उन्हें पता है कि उनका पति, भाई या पिता उन्हें उतना समय नहीं दे सकता, जो आमतौर पर एक इनसान अपने परिवार को देता है. गौरी कभी नहीं कहती कि आज हम बाहर जायेंगे या सेलिब्रेट करने या डिनर पर चलो. बच्चे भी नहीं जिद करते कि आपको मेरे इस फंक्शन पर आना है. आज की ही बात करूं तो मैंने आज मैंने सोचा था कि बेटी और गौरी के साथ खाना खाऊंगा, लेकिन मैं नहीं कर पाया, सिर्फ बाय करके चला जाऊंगा. दिल में हमेशा गिल्ट रहता है, लेकिन वे मुझे और मेरे काम को समझते हैं.
बात-मुलाकात
उर्मिला कोरी

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