7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bharat Drone Mahotsav: जियो प्लैटफॉर्म्स की दो कंपनियों ने ड्रोन महोत्सव में दिखायी ताकत

ड्रोन इंडस्ट्री पर अपना विजन साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जतायी कि भारत को दशक के अंत तक दुनिया का ड्रोन हब बन जाएगा. इसके लिए भारत सरकार ड्रोन से जुड़े उद्योग जगत को पूरा सहयोग देगी.

Bharat Drone Mahotsav: जियो प्लैटफॉर्म्स की दो सब्सिडियरी कंपनियों ने दिल्ली में चल रहे भारत ड्रोन महोत्सव में अपनी तकनीती क्षमता का प्रदर्शन किया. बेंगलुरु स्थित ‘एस्टेरिया एयरोस्पेस लिमिटेड’ एक फुल-स्टैक ड्रोन टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो ड्रोन हार्डवेयर के साथ सॉफ्टवेयर पर भी काम करती है. वहीं, जियो प्लैटफॉर्म्स से जुड़ी दूसरी कंपनी ‘सांख्यसूत्र लैब्स’ मल्टीफिजिक्स, एरोडायनामिक्स सिमुलेशन सॉफ्टवेयर और डीप टेक्नोलॉजी की एक्सपर्ट है. दोनों कंपनियों 27, 28 मई को दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारत ड्रोन महोत्सव में भाग ले रही हैं. महोत्सव का आयोजन नागरिक उड्डयन मंत्रालय और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया ने किया है.

महोत्सव के उद्घाटन के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री ने एस्टेरिया स्टॉल का दौरा किया. उन्होंने ड्रोन तकनीक के बारे में जाना और एक ड्रोन को रिमोट कंट्रोल की सहायता से उड़ा कर भी देखा. ड्रोन इंडस्ट्री पर अपना विजन साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जतायी कि भारत को दशक के अंत तक दुनिया का ड्रोन हब बन जाएगा. इसके लिए भारत सरकार ड्रोन से जुड़े उद्योग जगत को पूरा सहयोग देगी.

प्रधानमंत्री के एस्टेरिया के स्टॉल पर दौरे से उत्साहित कंपनी के सह-संस्थापक, निहार वर्तक ने कहा, यह कार्यक्रम हमारे लिए अपने अगली पीढ़ी के ड्रोन और स्काईडेक को प्रदर्शित करने का एक शानदार मौका है. दस साल पहले हमने भारत के ड्रोन स्पेस में कदम रखा था और तब से हमनें इस तकनीक की मांग और उपयोग में तेज वृद्धि देखी है.

Also Read: Jio की कंपनी बदल देगी खेती की सूरत, लायी ड्रोन ऑपरेशन प्लैटफॉर्म स्काईडेक

संख्या सूत्र लैब्स के सीईओ डॉ सुनील शेरलेकर ने एक बयान में कहा- जब हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, तो हम अक्सर देश में विभिन्न हार्डवेयर घटकों के निर्माण की क्षमता पर ध्यान केंद्रित करते हैं. हालांकि, स्वदेशी डिजाइन टूल के बिना आत्मनिर्भरता नहीं आ सकती. सांख्यसूत्र में, हम भारत और दुनिया के लिए डीप टेक्नोलॉजी विकसित कर रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों के समय टेक्नोलॉजी को समस्या का हिस्सा समझा गया, उसको गरीब विरोधी साबित करने की कोशिशें होती थी. इस कारण 2014 से पहले गवर्नेंस में टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर उदासीनता का वातावरण रहा. इसका सबसे अधिक नुकसान देश के गरीब को हुआ, वंचितों को हुआ, मिडिल क्लास को हुआ. उन्होंने आगे कहा कि पहले के समय में लोगों को घंटों तक अनाज, केरोसीन, चीनी के लिए लाइन लगानी होती थी. लोगों को डर रहता था कि उनके हिस्से का सामान उन्हें मिल भी पाएगा या नहीं. आज तकनीक की मदद से हमने इस डर को खत्म कर दिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें