Benjamin Netanyahu Govt In Crisis: इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार एक गंभीर सियासी संकट से जूझ रही है. संसद में बुधवार को सरकार गिराने और संसद भंग करने का प्रस्ताव पेश किया गया. जिससे देश की राजनीति में भूचाल आ गया है. प्रस्ताव की वजह नेतन्याहू के गठबंधन में शामिल अति-रूढ़िवादी पार्टियों की नाराजगी है. जो धार्मिक छात्रों को सैन्य सेवा से छूट देने के कानून की मांग कर रही हैं.
धार्मिक मुद्दे पर बढ़ा तनाव
गठबंधन में शामिल पार्टियां यूनाइटेड टोरा जूडाइज्म और शास ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वे संसद भंग करने के प्रस्ताव के समर्थ में वोट देंगी. इनका कहना है कि इजरायल का सुप्रीम कोर्ट पहले ही 2017 में धार्मिक छात्रों को दी गई सैन्य छूट को असंवैधानिक करार दे चुका है. तब से लेकर अब तक इस पर कोई समाधान नहीं निकला.
क्या तुरंत गिरेगी सरकार?
जानकारों के अनुसार, भले ही यह प्रस्ताव पास हो जाए, लेकिन सरकार तुरंत नहीं गिरेगी क्योंकि इस विधेयक को चार अलग-अलग चरणों में मतदान से गुजरना होगा. इसके अलावा नेतन्याहू की लिकुड पार्टी उस समिति पर नियंत्रण रखती है जो तय करती है कि बिल को कितनी तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा.
युद्ध के बीच मचा सियासी संकट
इस सियासी उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में इजरायल पहले से ही हमास के साथ चल रहे युद्ध से जूझ रहा है. जिससे यह संकट और भी संवेदनशील हो गया है। सरकारी सूत्रों को अब भी उम्मीद है कि समझौता संभव है लेकिन फिलहाल सरकार की स्थिरता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
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