संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून ने फ्रेंच पत्रिका शार्ली हेब्दो पर हुए नृशंस और अनुचित आतंकी हमले पर रोष व्यक्त किया है और सुरक्षा परिषद ने आतंकवाद के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाने की जरुरत पर जोर दिया है.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख और शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र की अन्य संस्थाओं और महासभा के अध्यक्ष ने इस हमले की निंदा की है. इस हमले में पत्रिका के शीर्ष संपादक, कुछ प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट और पुलिस अधिकारियों समेत 12 लोगों की हत्या कर दी गई.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, मैं आज फ्रेंच पत्रिका शार्ली हेब्दो पर किए गए घृणित हमले पर अपना रोष व्यक्त करता हूं. यह एक अनुचित, भयावह और नृशंस अपराध है. मून ने कहा, हिंसा के इस कृत्य को किसी भी तरीके से जायज नहीं ठहराया जा सकता. यह हमला लोकतंत्र के दो स्तंभों- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता के खिलाफ किया गया हमला है.
15 देशों की सदस्यता वाली सुरक्षा परिषद ने प्रेस में दिए एक बयान में कहा कि वह फ्रांसिसी पत्रिका के खिलाफ किए गए नृशंस और कायराना आतंकी हमले की कडे शब्दों में निंदा करती है.
सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने पत्रकारों और एक अखबार को निशाना बनाने वाले इस असहनीय आतंकी कृत्य की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के निंदनीय कृत्यों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाए जाने की जरुरत पर जोर दिया.
बयान में कहा गया, सुरक्षा परिषद के सदस्य अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के समक्ष आतंकी कृत्यों से पैदा होने वाले खतरों से ऐसे सभी माध्यमों के जरिए निपटने की जरुरत पर एक बार फिर जोर देते हैं, जो कि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुरुप हैं. इसके साथ ही इन सदस्यों का कहना है कि आतंकवाद का कोई भी कृत्य आपराधिक और अनुचित है, फिर चाहे उसकी वजह, स्थान, समय और इसमें लिप्त व्यक्ति कोई भी हो.
संगठन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बान के बयान से मेल खाती बातें ही कहीं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त जैद राद अल हुसैन ने इसे एक भयावह और क्रूर हमला करार दिया और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने एवं दंडित करने के महत्व पर जोर दिया.
इसके अलावा यूनेस्को ने भी फ्रांस के साथ एकजुटता प्रदर्शित करके हमले में मरने वाले लोगों के प्रति सम्मान जताते हुए पेरिस स्थित मुख्यालय में अपने झंडे को आधा झुका दिया है.