लाहौर : पाकिस्तान में एक अदालत में याचिका दाखिल कर राष्ट्रपति से अपील की गयी है कि पाकिस्तानी जेलों में बंद और मौत की सजा पाए करीब 400 कैदियों को यह सजा नहीं दी जानी चाहिए. गृह मंत्रालय ने हाल ही में मौत की सजा पाए करीब 400 कैदियों के मामलों को फैसले के लिए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भेजा था जिसमें अन्य कारणों के अलावा जेलों में भीड़भाड़ का जिक्र किया गया था.
कल लाहौर में सुप्रीम कोर्ट रजिस्टरी में याचिका दाखिल करने वाले बैरिस्टर जफरुल्लाह खान ने अदालत से अपील की थी मौत की सजा पाए सभी कैदियों को यह सजा देने पर रोक लगायी जानी चाहिए जिनकी दया याचिका राष्ट्रपति के समक्ष लंबित है. देश में मौत की सजा को समाप्त किए जाने संबंधी एक याचिका पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.देश में सत्ता परिवर्तन के बाद मौत की सजा पाए कैदियों की सजा पर अमल किए जाने का मुद्दा उठा है. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है, ‘‘ कानूनी पहलुओं का फैसला किए बिना मानवीय जीवन को समाप्त करना गैर कानूनी और असंवैधानिक है और यह देश की न्यायिक व्यवस्था के लिए भी बड़ा खतरा होगा.’’
उन्होंने कहा कि इस विषय पर मुख्य याचिका लंबित है और ऐसे में गृह मंत्रालय का यह कदम ‘‘अदालत की अवमानना है.’’ उन्होंने कानून की किताबों से ही मौत की सजा को समाप्त किए जाने की अदालत से अपील की है. उनका कहना है कि यह असंवैधानिक है.
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पाक में 400 कैदियों की मौत की सजा पर रोक के लिए याचिका
लाहौर : पाकिस्तान में एक अदालत में याचिका दाखिल कर राष्ट्रपति से अपील की गयी है कि पाकिस्तानी जेलों में बंद और मौत की सजा पाए करीब 400 कैदियों को यह सजा नहीं दी जानी चाहिए. गृह मंत्रालय ने हाल ही में मौत की सजा पाए करीब 400 कैदियों के मामलों को फैसले के लिए […]
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