हांगकांग:हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के छात्र नेताओं ने बुधवार को चेतावनी दी कि यदि क्षेत्र के नेताओं ने इस्तीफा नहीं दिया, तो वह विभिन्न महत्वपूर्ण सरकारी भवनों पर नियंत्रण करने सहित अपनी कार्रवाई तेज करेंगे. गतिरोध पर बड़ा दावं लगा कर छात्र नेता पुलिस के साथ एक बार फिर मुठभेड़ का खतरा मोल ले रहे हैं. इस बात की संभावना बिल्कुल भी नहीं है कि पुलिस सरकारी भवनों में हंगामा होने देगी. इस कदम से चीन की सरकार पर भी दबाव बढ़ेगा. चीन की सरकार अभी तक इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है. हांगकांग के चीफ एग्जीक्यूटिव लेयूंग चुन-यिंग को इस संकट से निबटने दे रही है.
हांगकांग फेडरेशन ऑफ स्टूडेंट्स के उपसचिव लेस्टर शुम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बेहतर चुनावी सुधार हेतु दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले छात्र नेता चीन की मुख्य सरकार के साथ बातचीत का अवसर मिलने का स्वागत करेंगे. शुम ने कहा, ‘हालांकि हम उनसे चौराहे पर आकर जनता से बातचीत करने को कहेंगे. यह हांगकांग के लोगों का दिन है और कोई समूह विशेष इसका नेतृत्व नहीं कर रहा है.’ प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. अब वे आर-पार के मूड में हैं.
इमरजेंसी भवनों पर कब्जा नहीं
शुम ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी अस्पतालों और सामाजिक कल्याण से जुड़े कार्यालयों जैसे आपातकाल में काम आनेवाले भवनों पर कब्जा नहीं करेंगे. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने सरकारी आवासों के सामने विरोध-प्रदर्शन किया.
नहीं बचा वार्ता का आधार
शुम ने मांग की कि लेयूंग गुरुवार तक इस्तीफा दे दें. कहा कि सरकार ने प्रदर्शनकारियाें पर आंसू गैस के 87 गोले दागने के आदेश दिये हैं, बातचीत का कोई आधार ही नहीं बचा. लेयूंग इस्तीफा दें. यदि वह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो हम अपनी कार्रवाई तेज करते हुए सरकारी भवनों पर नियंत्रण करने जैसे काम करेंगे.
पीएम का विरोध क्यों
बीजिंग ने अगस्त में फैसला किया था, हांगकांग के शीर्ष पद के लिए 2017 में होनेवाले चुनाव के लिए उम्मीदवार को एक समिति की मंजूरी प्राप्त होनी चाहिए. समिति में ज्यादातर बीजिंग का समर्थन करनेवाले स्थानीय अमीर शामिल हैं. ऐसी ही एक समिति ने वर्तमान प्रमुख लेयूंग का चुनाव किया था.