मेलबर्न :छठी इंद्रिय यानी सिक्स्थ सेंस नाम की कोई चीज नहीं होती. यह दावा है एक नये शोध का. इसमें पाया गया कि जब भी किसी तरह का बदलाव होता है लोग उसे भांप सकते हैं, वह भी तब जब वह यह भी नहीं देख पाते कि क्या बदलाव हुआ है. शोध में शामिल शोधकर्ताओं और मेलबर्न स्कूल ऑफ साइकॉलिजकल साइंसेज से जुड़े पियर्स हॉवे ने कहा कि यह पहली ऐसी स्टडी है, जो बताती है कि लोग उन बदलावों को भी आसानी से भांप लेते हैं, जिन्हें वह अपनी आंखों से पहचान नहीं पाते.
इस खातिर स्टडी में एक उदाहरण भी दिया गया. इसके मुताबिक, कोई शख्स यह तो भांप लेता है कि किसी के लुक्स में बदलाव आया है मगर वह यह नहीं पकड़ पाता कि उस शख्स ने अपने बाल कटवाये हैं. हॉवे ने कहा, यह एक आम मान्यता है कि कोई भी शख्स किसी बदलाव का अनुभव अपने दिमाग की मदद से कर लेता है और इसके लिए उसे देखने, सुनने, चखने, सूंघने या फिर छूने की जरूरत नहीं होती. इसे ही अब तक सिक्स्थ सेंस माना जाता रहा है.

