यात्री जब इसका विरोध करते हैं तो चालक बसदसुकी पर उतारू हो जाते हैं. ऐसे चालक यात्रियों के साथ गाली-गलौज करने लगते हैं और अपशब्दों का इस्तेमाल कर उल्टा उन्हें ही बेइज्जत करने लगते हैं. कइ दफा चालक यात्रियों को जोर-जबरदश्ती बीच रास्ते में ही ऑटो से उतार देते हैं. ऑटों चालकों के ऐसे दुर्व्यवहार से सिलीगुड़ी व बाहर से आनेवाले लोगों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ता है.
इस व्यस्त जिंदगी में लोगों को कहीं आने-जाने के लिए लिए अक्सर सिटी ऑटो, रिक्शा वा निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है. ऐसा नहीं है कि केवल सिटी ऑटो चालक ही मनमाना किराया वसूलते हैं. रिक्शा चालक भी इनसे कम नहीं हैं. सिटी ऑटो चालक के दुर्वव्यहार की शिकार हुई एक गैर-सरकारी संस्थान में काम करने वाली युवती सोनी कांजीलाल ने बताया कि मंगलवार को दार्जिलिंग से कोर्ट मोड़ रूट पर चलनेवाले एक सिटी ऑटो का चालक इसी तरह यात्रियों से मनमाना भाड़ा वसूल रहा था. सोनी मार्केट जाने के लिए उस ऑटो पर सिलीगुड़ी जंक्शन के सामने चढ़ी. वह जब मार्केट पर उतर कर निर्धारित भाड़ा सात रूपये देने लगी तो चालक 10 रूपये किराये से एक रूपया भी कम न लेने पर अड़ गया.
विरोध करने पर जोर जबरदश्ती करने लगा. ऑटो पर सवार अन्य यात्रियों ने भी जब चालक इस धांधली का विरोध किया तो वह सबके साथ बहस करने. एक अन्य महिला को हाशमी चौक पर उतरना था, लेकिन चालक ने उसे जबरन मार्केट के स्टैंड पर ही ऑटो से उतार दिया. जब सोनी ने उस ओटो चालक से मनमाना किराया लेने की वजह पूछी तो चालक का जवाब सुनकर हैरान रह गयी. ऑटो चालक ने बेरूखी कहा कि ट्राफिक जाम के कारण ऑटो को काफी जगहों पर चालू अवस्था में ही रोकना पड़ता है जिसकी वजह से तेल की अतिरिक्त खपत होती है. सोनी के तरह ही ऐसे कइ अन्य लोग भी हैं जो रोजाना ही ऐसे ऑटो चालकों का शिकार बनते हैं.
लेकिन चालकों के अभद्र व्यवहार की वजह से कोई भी विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता. प्रसाशन की कड़ी चेतावनी के बावजूद चालकों की यह मनमानी अब आम बात हो गयी है. सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन के पुलिस की डिप्टी पुलिस कमिश्नर (डीसीपी) जोन 2 संगमित लेप्चा का कहना है कि शिकायत मिलने पर पुलिस ऐसे ऑटो चालकों के विरूद्ध कार्यवायी करती है. अधिकांश मामलों में यात्री कानूनी लफड़ों में पड़ने के डर से पुलिस के पास लिखित शिकायत करने से घबराते हैं और चालक को रूपये देकर पिंड छुड़ाने में ही अपनी भलाई समझते हैं.
ऐसा कर यात्री चालकों का और मनोबल बढ़ाने का काम करते हैं. श्रीमती लेप्चा ने कहा कि चालकों की मनमानी रोकने के लिए लोगों को पहले खुद जागरूक होने की जरूरत है. ऐसे चालकों को सबक सिखाने के लिए पहले यात्रियों को एकजुट होकर उसकी मनमानी का विरोध करना चाहिए. बात न बनने पर स्थानीय पुलिस के पास सिटी ऑटो के नंबर के साथ लिखित शिकायत करनी चाहिए. जरूरत पड़ने पर घटनास्थल से ही यात्रियों को अपने मोबाइल फोन से 1095 नंबर पर डॉयल कर शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं.