सिस्टम से हटा दिया गया ठाकुरगंज में ट्रेनका ठहराव
नहीं हो पा रही टिकटोंकी बुकिंग
नाराज लोगों ने दी आंदोलन की चेतावनी
खोरीबारी : 10 मार्च को रेलवे बोर्ड द्वारा ठाकुरगंज स्टेशन पर न्यू जपाईगुड़ी-दीघा पहाड़िया एक्सप्रेस का ठहराव दिया गया था. इससे सिर्फ ठाकुरगंज के यात्री नहीं बल्कि सीमाबरती देवीगंज डान्गुजोत खोरीबारी अधिकारी के यात्री भी लाभान्वित होते. तब बोर्ड के कोचिंग निदेशालय के निदेशक ने कहा था कि यात्रियों की मांग पर छह महीने के लिए प्रायोगिक तौर पर ठहराव दिया जा रहा है.
ठहराव संबंधित मानदंडों को पूरा करने और 6 महीने बाद एनएफ रेलवे जोन से समीक्षा रिपोर्ट मंगायी जायेगी. रिपोर्ट में ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही ठहराव को स्थायी घोषित किया जायेगा. ट्रेन के ठाकुरगंज में ठहराव के तीन महीने बीत चुके हैं. बोर्ड ने आइआरसीटीसी के टिकट बुकिंग सिस्टम से छह महीने बाद की बुकिंग बंद कर दी है. ठाकुरगंज स्टेशन से आरक्षित टिकटों की बुकिंग छह सितंबर के बाद नहीं कर सकेंगे.
साप्ताहिक पहाड़िया एक्सप्रेस ठाकुरगंज में रुकनेवाली एकमात्र लंबी दूरी की ट्रेन है. ठाकुरगंज से कोलकाता की सीधी यात्रा करनेवाले ट्रेन को ध्यान में रख कर ही यात्री की तारीख तय करते हैं. अनिता अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने 14 सितंबर को हावड़ा से ठाकुरगंज का टिकट बनाने की कोशिश की तो हावड़ा स्टेशन के बुकिंग काउंटर कर्मी ने कहा कि इस तारीख से ट्रेन का ठाकुरगंज ठहराव सिस्टम से हटा दिया गया है.
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी ट्रेन स्टॉपेज पॉलिसी के अनुसार, डीजल इंजन वाली लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव के लिए उस स्टेशन पर ट्रेन की 24 हजार की आय होनी आवश्यक है. ट्रेन के प्रत्येक ठहराव पर यदि 40 स्लीपर क्लास की टिकटें बुक हों या अन्य उच्चतर श्रेणियों की कम से कम इतनी टिकटें बुक हों जिनका मूल्य 40 स्लीपर टिकटों के बराबर हो तो ट्रेन का ठहराव दिया जाता है. जानकारी के अनुसार वर्तमान में ठाकुरगंज पीआरएस काउंटर से विभिन्न ट्रेनों के लिए औसतन 110 स्लीपर या समतुल्य मूल्य के टिकट बिकते हैं.
ठाकुरगंज रेल यात्री समिति के अध्यक्ष बच्छ राज नखत ने बताया कि पांच सालों तक धरना, प्रदर्शन के बाद ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन पर एक अदद लंबी दूरी की साप्ताहिक ट्रेन पहाड़िया एक्सप्रेस का ठहराव मिला था. इस ट्रेन को लेकर भी रेलवे नियमों कि दुहाई दे रहा है. जबकि ठाकुरगंज स्टेशन पर नियमानुसार कम से कम तीन डेली चलने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव होना चाहिए. यदि रेलवे यात्रियों के साथ नाइंसाफी करेगा तो इसके विरुद्ध चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा.