बानरहाट : भोज्य पदार्थ की तलाश में झुंड से बिछुड़े एक हाथी ने बिन्नागुड़ी चाय बागान में बीती रात जमकर तांडव मचाया. इस दौरान उसने छह श्रमिक आवासों को ध्वस्त कर दिया. शुक्रवार को बिन्नागुड़ी चाय बागान के कई सेक्शनों में दिन भर काम काम बंद रखना पड़ा. वहीं, वनकर्मियों पर निष्क्रियता का आरोप लगाकर बागान श्रमिकों में क्षोभ व्याप्त है. उधर, वन विभाग की मानद वार्डेन सीमा चौधरी ने बताया कि वनकर्मी हाथी पर नजर रख रहे हैं. शाम तक वह जंगल की ओर चला जायेगा. हालांकि इस आश्वासन के बावजूद बागान श्रमिकों में समाया खौफ थमा नहीं है.
स्थानीय सूत्र के अनुसार गुरुवार की रात को रेती के जंगल से झुंड का एक हाथी खाने की तलाश में बिन्नागुड़ी चाय बागान के श्रमिक लाइन में घुस आया. इस दौरान उसने छह श्रमिक आवासों सहित बागान के डिप्टी मैनेजर के आवासीय परिसर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. बिन्नागुड़ी चाय बागान के श्रमिक चाड़ोआ उरांव, रीना सार्की, महावीर उरांव, बंधा उरांव, रेणुका छेत्री और जयराम खालको के आवासों को हाथी ने क्षतिग्रस्त कर दिया है.
अगले दिन तड़के वह श्रमिक मोहल्ला से निकलकर सुबह जंगल की ओर न जाकर बिन्नागुड़ी चाय बागान में धमाचौकड़ी मचाता रहा. वन विभाग के बिन्नागुड़ी रेंज को इसकी सूचना देने पर वनकर्मियों ने हाथी को खदेड़ा लेकिन कई घंटे के बाद वह फिर चाय बागान में लौट आया. स्थानीय निवासी संजू सिंह, संजीव उराव, नीमा शेर्पा ने आरोप लगाया कि इलाके में हाथियों के हमले आम घटनाएं हैं.
यहां से बिन्नागुड़ी का रेंज कार्यालय निकट ही है. लेकिन सूचना देने पर भी वे लोग समय पर नहीं आते. इसीलिये हाथी को खदेड़ने का एकमात्र उपाय ट्रैक्टर रह गया है. इस वजह से पूरे साल बरसात में हाथियों का खौफ बना रहता है.